प्रगतिशील किसान जगदीश प्रसाद पारीक को सोमवार सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। किसान जगदीश प्रसाद पारीक राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ के रहने वाले हैं। इनको खेती में कई नवाचार करने पर यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
बता दें कि 72 वर्षीय किसान पारीक सब्जियों की नई किस्म तैयार कर किसानों को मुहैया कराने के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नवाचार करते रहे हैं। उसी की बदौलत जगदीश प्रसाद पारीक ने न केवल देश बल्कि विदेशों में भी राजस्थान का नाम रोशन किया है। पारीक ने नए-नए प्रयोग करते हुए किसान कृषि विशेषज्ञ का दर्जा प्राप्त किया है।
किसान पारीक की कहानी 1970 से शुरू होती है। पिताजी के निधन के बाद पढ़ाई बीच में छोड़कर खेती करना शुरू किया। शुरुआत में गोभी के उत्पादन से की और इसी में नवाचार किया। गोभी का आधा किलो व पौने एक किलो का फूल पैदा करके सबको चकित कर दिया था। खास बात यह है कि गोभी का बड़ा फूल पैदा करने में किसान जगदीश प्रसाद पारीक ने रासायनिक खाद की बजाय जैविक खाद का प्रयोग किया।
इसके बाद सीकर के किसान पारीक ने 25 किलो ढाई सौ ग्राम वजनी गोभी का फूल, 86 किलो कद्दू, 6 फीट लंबी घीया, 7 फीट लंबी तोरिया, 1 मीटर लंबा 2 इंच बैंगन, 5 किलो गोल बैंगन, ढाई सौ ग्राम मोटा प्याज, साढ़े तीन फीट लंबी गाजर का उत्पादन किया।
साथ ही अजीतगढ़ कलेक्शन के नाम पर स्वयं द्वारा गोभी का बीज भी पैदा कर चुके हैं। गोभी का बड़ा फूल ये पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, अब्दुल कलाम, प्रणब मुखर्जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, पूर्व राज्यपाल मार्गेट अल्वा को भेंट कर चुके हैं।
पद्मश्री पुरस्कार के अलावा पारीक को 2000 श्रुति सम्मान, जो 2001 में पहला नेशनल ग्राम रूट इनोवेशन मिल चुका है। साथ ही विश्व रिकॉर्ड के दूसरे पायदान पर पारीक 2001 में 15 किलो गोभी का उत्पादन किया। लिम्का बुक में भी इनका नाम दर्ज हो चुका है।