नई दिल्ली: टीम इंडिया के दिग्गज विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर भारतीय सेना के बलिदान बैज को लेकर आईसीसी की आपत्ति पर बहस तेज हो गई है।
धोनी के ग्लव्स पर पैरा मिलिट्री फोर्स के बलिदान बैज के निशान को ICC ने हटाने का फरमान दिया है। अब लोगों का कहना है कि जब मैच से पहले खिलाड़ी मैदान में नमाज़ पढ़ सकते हैं, तो फिर ग्लव्स में क्या ही गलत है। फैंस हैं कि मानने को तैयार नहीं हैं और इसे अब सेना के सम्मान से जोड़ दिया है।
बता दे कि, महेंद्र सिंह धोनी, प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। ऐसे में उनके पास आधिकारिक तौर पर ये हक है कि वह इस बैज का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए धोनी ने सम्मान दिखाते हुए अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स पर बलिदान मेडल का निशान लगाया। जब फैंस को पता चला तो हर कोई धोनी का गुणगान करने लगा।
लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को ये बात रास नहीं आई। ICC ने बीसीसीआई को लिखकर अपील की है कि महेंद्र सिंह धोनी से अपील की जाए कि इस ग्लव्स का इस्तेमाल न करें, जिसपर क्रिकेट जगत, सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छिड़ गई है।
सोशल मीडिया पर कुछ लोग पाकिस्तानी टीम की तस्वीर साझा कर रहे हैं, जिसमें वह मैदान पर ही नमाज़ पढ़ रहे हैं। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं अगर कोई पूरी टीम मैदान पर अपने धार्मिक भावनाओं को प्रकट कर सकती है तो फिर सिर्फ ग्लव्स पर बैज लगाने से क्या दिक्कत है। जबकि धोनी खुद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
बता दें कि इससे पहले एक बार जब अफगानिस्तान टीम की भी एक नमाज पढ़ते हुए तस्वीर सामने आई थी, जिसपर काफी विवाद हुआ था। तब इंजमाम उल हक अफगानिस्तान टीम के कोच थे।
नमाज वाली बात को न सिर्फ फैंस, बल्कि बड़ी हस्तियां भी उठा रही हैं, पाकिस्तान के ही तारिक फतेह ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। वहीं भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया का भी कहना है कि धोनी के इस तरह के बैज का इस्तेमाल करने में कोई गलती नहीं है, लेकिन अगर ICC के नियम हैं तो उसको भी देखना होगा।