रूद्रप्रयाग: लगातार घाटे में चल रहे जीएमवीएन के हरियाली देवी जशोली स्थित बंगले को सील कर दिया गया है। वर्ष 2015 में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां बंगले का निर्माण किया गया था, मगर निगम द्वारा व्यवस्थित संचालन न किये जाने से बंगले को सील कर दिया गया है और अब बंगले को पीपीपी मोड पर देने की तैयारी की जा रही है।
प्रसिद्ध सिद्धपीठ हरियाली देवी क्षेत्र को पर्यटन सर्किट से जोड़ने के मकसद से जशोली में लाखों रुपये की लागत से गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया था। शुरुआती दिनों में यहां पर पूरा स्टाफ भी तैनात किया गया था, मगर निगम की लापरवाहियों के चलते बंगला लगातार घाटे में चलता रहा, जिससे निगम ने अब बंगले को सील कर दिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि निगम अगर बंगले का व्यवस्थित संचालन करता तो आज लाखों की बिल्डिंग इस कदर बन्द नहीं होती।
वहीं जीएमवीएन के प्रबन्धक वाईएस पुण्डीर का कहना है कि, लगातार हो रहे घाटे के चलते बंगले को बन्द करना पडा है और अब बंगले को पीपीपी मोड पर दिये जाने के लिए विज्ञप्ति जारी की गयी है और जल्दी ही बंगले को टेण्डर प्रक्रिया के जरिये किसी फर्म को हस्तांतरित कर दिया जायेगा।
जीएमवीएन में व्यवस्थित प्रबन्धन न होने से गेस्ट हाउस लगातार घाटे में चल रहे हैं। जिले के जखोली, तिलवाड़ा और रुद्रप्रयाग के बंगलों से भी लगातार घाटा ही चल रहा है, जिसके चलते बंगले धीरे-धीरे बंदी की कगार पर पहुंच रहे हैं। हालत यही रहे तो आने वाले दिनों में सभी बंगले पीपीपी मोड पर संचालित होंगे और इन बंगलों में कार्यरत कर्मचारियों के सामने भी रोजगार का बडा संकट पैदा होगा।