बागेश्वर: घर में जबरन घुसकर मारपीट मामले की मजिस्ट्रेटी युवा कारोबारी के साथ जबरन घर में घुसकर मारपीट मामले में नया मोड़ आ गया है। सीओ की जांच आने से पहले ही डीएम ने मजिस्टेटी जांच के आदेश कर दिये हैं। मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश की भनक लगते ही पुलिस अधीक्षक ने आरोपित एसआई सहित तीन अन्य सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया।
बड़ी कार्यवाही से पुलिस महकमे हड़कम्प मच गया इतना ही नही अब आरोपी पुलिस कर्मियों को मजिस्ट्रेट जांच का सामना अलग करना पड़ेगा जांच में दोष सिद्ध होने पर मुक़दमा पंजीकृत होगा।
वहीं जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेटी जांच का जिम्मा पिथौरागढ़ जिले के संयुक्त मजिस्ट्रेट सौरभ गहरवाल को सौंपा गया है। उन्हें 15 दिन के अंदर जांच जिला प्रशासन को सौंपनी होगी। आपको बता दें कि 15 सितंबर को हुई इस घटना के बाद लगातार पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। पहले मामले को एक दिन तक दबाये रखा। बाद में भी पुलिस के आला अधिकारी महकमे की शाख बचाने के लिये आरोपित पुलिस कर्मियों का ही पक्ष लेते रहे। दबाव बढ़ने पर मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश के एक घंटा पहले मामले में आरोपित एसआई अकरम अहमद, आरक्षी नरेन्द्र गोस्वामी, आरक्षी रमेश गाड़िया व आरक्षी चालक महेन्द्र सिंह जीना को एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी द्वारा निलंबित कर दिया गया।जिलाधिकारी ने बताया कि निष्पक्ष जांच के लिये कई संगठनों द्वारा मांग की गयी थी। कुमाऊँ आयुक्त द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच की अनुमति के बाद उन्हेांने आदेश जारी कर दिये हैं। आपको बता दें कि दो सप्ताह पूर्व पुलिसकर्मी और खनन सौदेबाजी का आॅडियो से भी पुलिस की जमकर फजीहत हो रही है।