देहरादून: स्वच्छता पर चिंता जताकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान खींचने वाली गायत्री फिर एक बार मन की बात कार्यक्रम का हिस्सा बनी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गायत्री को मन की बात के 50वें एपिसोड के लिए आमंत्रित किया गया है। जहां स्वच्छता पर गायत्री अपने विचार और सुझाव रखा।
कूड़े के अंबार के बीच बहता काला पानी और दूर-दूर तक फैली दुर्गंध हज़ारों लोगों की तरह गायत्री को भी बैचेन कर देती है। यूँ तो बस्ती में रहने वाले आस-पास के हज़ारों लोगों ने नदी के इस कुरूप को स्वीकार कर लिया है लेकिन बीए प्रथम वर्ष में पढ़ने वाली गायत्री ने इसको अपनाने की जगह नदी के स्वरूप को ही बदलने की ठान ली है। गायत्री की इसी सोच और चिंता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल सराहा बल्कि 26 मार्च 2017 को मन की बात के दौरान गायत्री का जिक्र करते हुुुए स्वच्छता की सीख भी दी।
रिस्पना नदी की गंदगी पर चिंता जताकर देश और राज्य सरकार का ध्यान खिंचने वाली गायत्री एक बार फिर मन की बात का हिस्सा बनी। खास बात ये है कि इस बार पीएम के इस कार्यक्रम में महज उसकी चर्चा नहीं होनी बल्कि गायत्री खुद इस कार्यक्रम में भाग लेने वाली हैं। इसके लिए गायत्री को दिल्ली बुलाया गया है। इसके लिए गायत्री के लिए पीएमओ ऑफिस से फ्लाइट का टिकट भी भेजा गया है। गायत्री की माने तो वो पीएम के मन की बात कार्यक्रम में जाने के लिए उत्साहित है। गायत्री ने कहा कि वो एक बार फिर रिस्पना की गंदगी पर पीएम का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे। इस दौरान गायत्री ने पहली बार हवाई सफर करने की बात कहकर पीएम को शुक्रिया भी अदा दिया।
बस्तियों ऐसा नहीं कि गायत्री ने रिस्पना की गंदगी को लेकर महज पीएम के सामने रखकर इतिश्री कर दी हो। वो खुद नदी की स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। स्वच्छता अभियान में हिस्सा भी लेती हैं। वही परिवार के सदस्य भी गायत्री के इस कदम से खुश हैं और पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम में उसके शिरकत करने को लेकर पीएम का धन्यवाद दे रहे हैं।
रिस्पना को पुनर जीवित करना सरकारों के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है। भले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रिस्पना और कोशी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए बीड़ा उठाया हो जिसके लिए कई योजना भी चलाई हैं बाबजूद इसके आज भी रिस्पना का हाल बुरा है।