चमोली: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने चमोली जनपद हो बजट की सौगात दी है। गौचर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कुल 106 करोड रुपए के लोकार्पण किए हैं। जिसमें 11 विभागों को अलग-अलग मदों में धनराशि स्वीकृत की गई है। यहाँ पहुंचे मुख्यमंत्री ने जिले के विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए करोड़ों की योजनाओं का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री के इस धनराशि के स्वीकृत होने के बाद जिले में विकास कार्यों को काफी हद तक गति मिलने की उम्मीद है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भी मुख्यमंत्री ने बजट स्वीकृत किया है। साथ ही गौचर मेले को और भव्य एवं औद्योगिक बनाने बनाने को लेकर सीएम ने और अधिक कार्य करने की बात भी कही है।
बता दें कि, यह मेला प्रदेश के उल्लेखनीय व्यापार और सांस्कृतिक मेलों में शामिल है। तिब्बत से लगने वाले भारत के सीमान्त दो जनपदों पिथौरागढ व चमोली में भोटिया जनजाति के लोगों की पहल पर शुरू हुआ यह मेला उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में जीवन के रोजमर्रा की आवश्यकताओं का हाट बाजार के रूप में शुरू हुआ था और यही हाट बाजार धीरे-धीरे मेले के स्वरूप में परिवर्तित हो गया। चमोली जनपद में नीति माणा घाटी के जनजातिय क्षेत्र के प्रमुख व्यापारी एवं जागृत जनप्रतिनिधि स्व0 बालासिंह पॉल, पानसिंह बम्पाल एवं गोविन्द सिंह राणा ने चमोली जनपद में भी इसी प्रकार के व्यापारिक मेले के आयोजन का विचार प्रतिष्ठित पत्रकार एवं समाजसेवी स्व.गोविन्द प्रसाद नौटियाल के सम्मुख रखा। गढवाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर माह नवम्बर, 1943 में प्रथम बार गौचर में व्यापारिक मेले का आयोजन शुरू हुआ। बाद में धीरे-धीरे औद्योगिक विकास मेले एवं सांस्कृतिक मेले का स्वरूप धारण कर लिया।