देहरादून: पूर्ति विभाग की लापरवाही प्रदेश के हजारों परिवारों पर भारी पड़ सकता है। दरअसल, खाद्य एवं पूर्ति विभाग के गुलरघाटी गोदाम में चावल स्टोर किया गया था। जिसे अब बांटने की तैयारी हो रही है। यह चावल लगभग पूरी तरह खराब हो चुका है। विभाग की मानें तो पुराने चावल को छंटाई के बाद प्रदेशभर खासकर गढ़वाल मंडल में वितरित किया जाएगा।
असल मामला यह है कि गुलरघाटी गोदाम में करीब 10 माह पहले तराई से चावल की खरीद की गई थी। इस चावल को वितरित किया जाना था, लेकिन सरकार ने उस पर रोक लगा दी थी। तब से ही यह चावल गोदाम में ही रखा गया था। इसमें से कुछ कट्टे ऐसे भी हैं, जो पूरी तरह सड़ गए। जो बचे हैं, उनकी हालत भी बेहद खराब है।
गुलरघाटी से ट्रांसपोर्ट नगर गोदाम में भेजे जा रहे चावल के कट्टों की स्थिति बेहद खराब है। कट्टों को देखकर ही साफ नजर आ रहा है कि इनके भीतर रखा चावल खराब हो चुका है। कुछ फटे कट्टों से चावल में पड़े कीड़े तक नजर आ रहे हैं। विभाग की मानें तो इसे साफ कर वितरित किया जाएगा। सवाल यह है कि कैसे खराब चावल को लोगों को वितरित किया जा सकता है। दूसरा यह कि करीब 10 माह तक इतनी बड़ी मात्रा में चावल को गोदाम में सड़ाने के लिए रखा गया।
हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक सीएस धर्मशक्तु ने बताया कि, मामला उनकी संज्ञान में है, जो भी खराब चावल होगा, उसका वितरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले चावल की जांच की जाएगी। साथ ही कहा कि, ये पुराना चावल था, सरकार से अब इसे रिलीज करने के निर्देश मिले हैं। यह कोशिश की जाएगी कि खराब चावल वितरण नहीं किया जाएगा।