देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्य कान्त धस्माना ने कहा कि, गरीबों के मामले में भी त्रिवेंद्र सरकार पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि, मलिन बस्तियों के मामले मे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाये गये मालिकाना हक़ के कानून को नजरन्दाज कर नया अध्यादेश लाने के बाद अब त्रिवेंद्र सरकार ने काँग्रेस की हरीश रावत सरकार द्वारा 15 अगस्त 2015 को शुरु की गई इन्दिरा अम्मा भोजनालयों को बंद करने की साजिश शुरु कर दी है।
उन्होने कहा कि, पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नाम पर कांग्रेस सरकार द्वारा शुरु की गयी इस योजना से ऐसा इन्तजाम किया गया था कि, प्रदेश में कोई भी गरीब से गरीब व्यक्ति भूखा ना रहे और केवल 20 रुपए मात्र में भरपेट खाना इन्द्रा अम्मा कैंटीन में मिले। धस्माना ने कहा कि, राजधानी समेत पूरे राज्य में 40 कैंटीन इन्द्रा अम्मा कैंटीन की तर्ज पर खोली गयी थी, जिनका संचालन महिला स्वयं सहायता समूह कर रहे हैं। उन्होने कहा कि, एक ओर जहां इन कैंटीनों में गरीब लोगों को 20 रुपए में भरपेट भोजन मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिला हुआ है। धस्माना ने आरोप लगाया कि, सरकार ने एक तरफ इन कैंटीनों को राज्य का 10 रुपए प्रति थाली अंश देना बन्द कर दिया है और साथ ही दूसरी ओर इन कैंटीनो को सस्ते राशन की सुविधा भी समाप्त कर दी गयी है।
वहीँ भाजपा महानगर अध्यक्ष विनय गोएल का कहना है कि, इसमें परिक्षण करने के उपरांत और इसे बहुउपयोगी बनाने के लिए सरकार इस पर काम कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि, इस योजना का लाभ अधिक जरुरतमंदों तक नहीं पहुँच पा रहा था, जिस कारण इस योजना पर पुनर्विचार करने की जरुरत है।