कन्नौजः शहर के मुकरी टोला मोहल्ला निवासी किरन (35) पत्नी अजय ने गर्भपात के लिए रविवार रात दवा खाई थी। इससे सोमवार सुबह हालत बिगड़ गई। पति ने 108 व 102 एंबुलेंस को कई बार फोन लगाया। कंट्रोल रूम से बार-बार इंतजार करने के लिए कहा जाता रहा।आधा घंटे के इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। हालत बिगड़ती देख पति ने पड़ोसी से हथठेली किराए पर लिया। वह करीब दो किलोमीटर तक पैदल ही पत्नी को लेकर चिकित्सालय पहुंचा।
चिकित्सालय में पहुंचने पर इंतजाम और भी खराब मिले। वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं था। इससे उसने ठेली से ही वार्ड तक पहुंचाया। इसके बाद उसका इलाज शुरू हो सका। सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि एंबुलेंस नहीं मिलने की कई बार शिकायतें आ चुकी हैं। वह इस मामले में शासन स्तर पर लिखा-पढ़ी करेंगे। स्ट्रेचर उपलब्ध न होने पर कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे, जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। कन्नौज में प्राथमिक, उच्च शिक्षा व स्वास्थ्य राज्यमंत्री के आने से पहले विनोद दीक्षित चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई। गर्भवती पत्नी की हालत बिगड़ने पर पति ने एंबुलेंस को फोन किया। आधे घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। बाद में पति पत्नी को हथठेली पर लेकर विनोद दीक्षित चिकित्सालय पहुंचा। चिकित्सालय के बाहर भी स्ट्रेचर नहीं था। इस पर पति मजबूर होकर पत्नी को हथठेली पर ही लेकर वार्ड तक पहुंचा। मामला बिगड़ता देख डॉक्टरों ने आनन-फानन में महिला का इलाज शुरू किया। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों को सिर्फ इसलिए लगाया गया कि पत्नी को लेकर आया युवक मंत्री तक न पहुंच पाए।