नैनीताल: हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड की गंगा और यमुना नदियों का पानी आचमन योग्य न होने के मामले में भेजे गए पत्र पर संज्ञान लेते हुए अधिवक्ता अजय वीर पुंडीर को न्यायमित्र बनाया है। न्यायमूर्ति वीके बिष्ट एवम न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, दिल्ली निवासी अजय गौतम ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर प्रार्थना की थी कि उत्तराखंड की इन दो पवित्र नदियों में पानी की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है। कोर्ट ने पत्र को जनहित याचिका के रूप में सिविकार करते हुए अजय वीर पुंडीर को न्यायमित्र नियुक्त किया है। अधिवक्ता अजय वीर पुंडीर के मुताबिक उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की जिसके बाद इन नदियों के गुजरने वाले राज्यों जैसे यूपी, एचपी, हरियाणा, दिल्ली, हिमांचल और उत्तराखण्ड को पार्टी बना दिया है। न्यायालय ने इन प्रदेशों को पार्टी बनाते हुए नोटिस इश्यू किये हैं । एमिकस क्यूरी बनाए गए अधिवक्ता अजय वीर पुंडीर ने बताया कि ये नदिया इन मुख्य शहरों से गुजरकर जाएंगी -पोंटा साहिब, यमुना नगर, दिल्ली, मथुरा, आगरा, ईटावा, कालपी, कानपुर और इलाहाबाद में इन नदियों में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा बताई गई है । कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तिथि नियत की है ।