नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों की फांसी में नियम-कानून के चलते हो रही लेटलतीफी पर निर्भया की मां आशा देवी ने दुःख जताया है। इस पर निर्भय की माँ ने बच्ची की मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि, बच्ची की मौत से मजाक नहीं होना चाहिए और दोषियों को 22 जनवरी को ही फांसी दी जानी चाहिए।
मामले में भाजपा और आम आदमी पार्टी के एक-दूसरे पर आरोप लगाने को लेकर निर्भया की मां बहुत आहत हैं। एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में वह फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि, “इतने साल तक मैं राजनीति पर कभी नहीं बोली, लेकिन आज कहती हूं कि जिस तरह मेरी बच्ची की मौत पर राजनीति हो रही है वह ठीक नहीं है। अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि जब 2012 में घटना हुई तब इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया और काली पट्टी बांधी, खूब रैलियां कीं, खूब नारे लगाए। लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई कह रहा आप ने रोक दिया, कोई कह रहा है मुझे पुलिस दे दीजिए दो दिन में रोक के दिखाऊंगा। तो अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि ये अपने फायदे के लिए दोषियों की फांसी को रोके हैं। हमें इस बीच में मोहरा बनाया, इन दोनों के बीच में मैं फंसी हूं। तो मैं कहना चाहती हूं खासकर प्रधानमंत्री जी से कि आपने 2014 में बोला था, ‘बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार’। मैं साहब आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि जिस तरह से आप दोबारा सरकार में आए हैं, जिस तरह से आपने हजारों काम किए। इस कानून का संशोधन कीजिए क्योंकि कानून बनाने से नहीं होगा। मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि एक बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए, उन दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाइए और देश को दिखाइए कि हम देश के रखवाले हैं, महिला की सुरक्षा करने वाले हैं।“
#WATCH Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Till now, I never talked about politics, but now I want to say that those people who held protests on streets in 2012, today the same people are only playing with my daughter's death for political gains. pic.twitter.com/FvaC89TwKI
— ANI (@ANI) January 17, 2020