हल्द्वानी। ट्रांसपोर्टर प्रकाश पाण्डे की मौत के बाद मुआवजे को लेकर वार्ता खत्म हो गयी है, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड और ज़िलाधिकारी नैनीताल के बीच हुई वार्ता के बाद निर्णय लिया गया की मृतक प्रकाश की पत्नी को सरकार ग्रेड 3 यानी समूह- ग की सरकारी नौकरी देगी, इसके अलावा 12 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी देगी, जिसमें 2 लाख रुपये तत्काल और बाकी 10 लाख की धनराशि एक महीने के अंदर दे दी जाएगी, इस ऐलान के बाद मृतक प्रकाश के परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए शव उठाने दिया।
मृतक प्रकाश का अंतिम संस्कार रानीबाग के चित्रशिला घाट पर कर दिया गया, देर रात प्रकाश का शव हल्द्वानी पहुँचा जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया, प्रकाश के परिजनो ने मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर आज अंतिम संस्कार के लिए शव नही उठने दिया, जिसके बाद आज डीएम और मुख्य सचिव से वार्ता के बाद सरकार ने 12 लाख मुआवजे और सरकारी नौकरी का ऐलान कर दिया है, जिस पर1 महीने के अंदर कार्यवाही हो जाएगी, इस बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष भी मौजूद रही।
नैनीताल जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने कहा कि परिवार की हालत को देखते हुए सरकार ने 12 लाख की धनराशि के मुआवजे का ऐलान किया है, इसके अलावा मृतक के बेटे की पढ़ाई भी आगे जारी रहेगी, और मृतक की पत्नी को ग्रेड 3 की नौकरी भी देने का ऐलान किया है।
वहीँ नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने कहा कि प्रकाश पांडे की मौत के बाद व्यापारियों में जैसे हड़कम्प मच गया, जिसके बाद कल शाम ही व्यापारियों ने हल्द्वानी बाजार को बंद रखने का ऐलान किया था, उन्होंने कहा की जीएसटी और नोटबन्दी व्यापारियों के हित में नही है जिसके चलते एक व्यापारी ने जान दे दी, और प्रकाश के बलिदान को व्यर्थ नही जाने दिया जाएगा।
व्यापारी नेता नवीन वर्मा ने कहा कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक व्यापारी ने अपनी जान दे दी, जिसके लिए नोटबन्दी और जीएसटी को व्यापारी जिम्मेदार मान रहे हैं, हकीकत यह है की नोटबन्दी और जीएसटी ने व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख दी है, जिससे व्यापारी घबराए हुए है, देखना यह है कि इस घटना के बाद सरकार व्यापारियों के हित में क्या कदम उठाती है ।