उत्तराखंड: फर्जी एसएसपी का पीआरओ पुलिस की गिरफ्त में, डर दिखाकर वसूली रंगदारी

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रूद्रपुर:  खुद को एसएसपी का पीआरओ बताने वाले अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उक्त व्यक्ति ने फर्जी पीआरओ बनकर एक परिवार से मुकदमे से बचाने के एवज में कई रंगदारी भी वसूली।

मामले के अनुसार, 31 दिसंबर को वादिनी रेखा गुप्ता पत्नी राजेश कुमार निवासी शिमला बहादुर नारायण कालौनी रूद्रपुर, ने तहरीर दी कि, मेरे पुत्र कौशल गुप्ता के विरुद्ध कोतवाली रूद्रपुर में काजल नाम की लडकी ने प्रसूरि 640/19 धारा 376/323/ 504/506 भादवि के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कराया है। इस अभियोग से मेरे पुत्र कौशल कुमार का नाम निकालने व हम परिवार वालों को भी इस मुकदमे से बचाने के एवज में एसएसपी पीआरओ बनकर मुझसे एक लाख पच्चीस हज़ार की रंगदारी अभियुक्त कमल कुमार गंगवार उर्फ मनीष पुत्र बेनीराम गंगवार निवासी आजाद नगर शाहगढ बहेडी जिला बरेली उप्र उम्र-30 वर्ष और उसके साथियों ने वसूली। वादिनी द्वारा दी गई इस तहरीर के आधार पर कोतवाली रूद्रपुर पर प्रसूरि सं0-669/19 धारा 389 भादवि के अन्तर्गत अभियेाग पंजीकृत किया गया।

इस सम्बन्ध में पुलिस गठित टीम ने गहनता से सुरागरसी पतारसी करते हुए 3 जनवरी को नामजद अभियुक्त कमल कुमार गंगवार उर्फ मनीष पुत्र बेनीराम गंगवार निवासी आजाद नगर शाहगढ बहेडी जिला बरेली उप्र उम्र 30 वर्ष को शक्तिफार्म से गिरफ्तार किया।

पूछताछ पर अभियुक्त ने बताया कि मेरे दो अन्य साथी इस घटना में मेरे साथ थे। परवेश कुमार पुत्र दुर्गपाल निवासी ग्राम उदरा थाना देवरनियां जिला बरेली उप्र उम्र 28 वर्ष और छोटेलाल पुत्र राम निवासी ग्राम गहलुईया थाना मिलक जिला रामपुर हाल निवासी 45बी सुपर सिटी बरेली उप्र उम्र 36 वर्ष थे। इनमें से मैंने अपने साथी प्रवेश को बताया कि, एक मामला आया है जिससे हम अच्छे पैसे कमा सकते हैं, एक कौशल नाम का व्यक्ति है जिसके खिलाफ थाना रूद्रपुर पर एक महिला बलात्कार का केश लिखाने के लिए जा रही है। यह आदमी मेरी पहचान का है यदि इस आदमी कौशल व इसके परिवार वालों को मुकदमा लिखाने का भय दिखाकर व यदि मुकदमा लिख जाता है तो परिवार वालों का नाम हटाने को लेकर मोटी कमाई हो सकती है। इस आदमी कौशल के परिवार वाले मेरे पास ही आ रहे हैं, ये मेरी जान पहचान के हैं। इनको मुझ पर शक भी नही होगा, पर एक बात की समस्या आ रही है एक एसा आदमी नही मिल पा रहा है जो पीआरओ बनकर कौशल के परिवार वालों से बात कर सके। ऐसा आदमी चाहिए जो अधिकारी की तरह बात कर सके। इस पर प्रवेश ने बताया कि मेरा साडू भाई बरेली में मास्टर है जो अच्छा पढा लिखा है। अधिकारी बनकर बात कर सकता है, इस योजना को अन्जाम देने के लिए मैने प्रवेश के साडू से बात की तो पैसे के लालच में वह तैयार हो गया।

1दिसम्बर को मनीष ने अभियुक्त कौशल के बडे भाई राहुल व उसकी माँ रेखा को 25 हज़ार की मांग अभियुक्त कौशल को बचाने की एवज में लिये।

6 दिसम्बर को रूद्रपुर थाने के पास 40हज़ार रंगदारी के रूप में वसूले, 7दिसम्बर को थाना देवरनियां बरेली के पास 60 हज़ार कौशल के परिजनों से वसूल लिये। इस समस्त घटनाक्रम में XUV-300 पंजीकरण नं0-UP-25-CR-2111 का प्रयोग इन अभियुक्तगणों ने किया। इस समस्त घटनाक्रम में जो भी रंगदारी हेतु मोबाइल फोन पर फर्जी पीआरओ बनकर कौशल के परिजनों से जो वार्ता की, वो छोटेलाल पुत्र राम निवासी ग्राम गहलुईया थाना मिलक जिला रामपुर हाल निवासी 45 बी सुपर सिटी बरेली उप्र ने की। इस समस्त घटना क्रम का मास्टर माइण्ड कमल कुमार गंगवार उर्फ मनीष उपरोक्त रहा और परवेश कुमार पुत्र दुर्गपाल निवासी ग्राम उदरा थाना देवरनियां जिला बरेली उप्र भी पूर्ण घटना क्रम में मास्टर माइण्ड मनीष ने दिये निर्देशानुसार काम करता रहा। अभियुक्तगणों से जिस फोन से अभियुक्तगणों द्वारा वार्ता की गयी रंगदारी मांगी गयी उस फोन के सम्बन्ध में पूछताछ करने पर अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि वह फोन कमल उर्फ मनीष का था जिसे काम पूरा होने पर सिम व फोन तोडकर बहेडी मे नाले में फेंक दिया।

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