देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम में सरकार की विभिन्न मदों में यात्रा करने वाले लोगों के कारण परिवन निगम को करोड़ों का आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है। परिवजन निगम मुफ्त यात्रा तो करा देता है, लेकिन सरकार से उसे जो इसके बदले बजट मिलता है। उसमें सालों लग जाते हैं। अब तक सरकार पिछले साल का ही करीब 50 लाख बकाया नहीं चुका पाई। इधर 2018 के दूसरे माह में निगम की बसों में मुफ्त में यात्रा करने वालों की संख्या हजारों में पहुंच गई। जिसका असर परिवहन निगम के संचालन पर पड़ता है।
फिलहाल निगम के कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी डिपो की बात करते हैं। हल्द्वानी डिपो में फरवरी माह में ही सरकार की ओर से लोगों को अलग-अलग मदों से जारी पासों पर 11 लाख 45 हजार 805 रुपये की मुफ्त यात्रा कर चुके हैं। निगम को सबसे ज्यादा खर्च सीनियर सिटीजन और छात्रा पास पर करना पड़ रहा है। डिपो में 34 हजार 172 लोग यात्रा कर चुके हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिवहन निगम में प्रदेश के सभी डिपो में प्रतिमाह निगम को करोड़ों का आर्थिक बोझ ढोना पड़ रहा होगा। परिवहन निगम के महाप्रबधक संचालन दीपक जैन का कहना है कि सरकार बजट जारी करती रहती है। उनका कहना है कि उसमें कुछ देरी जरूर होती है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से इसमें तेजी आई है।
मद यात्रा करने वाले लोग यात्रा का बकाया खर्च
सांसद 41 1742
पत्रकार 54 5024
विकलांग(40%) 10 86 10951
विकलांग(100%) 16 776
छात्रा पास 4462 165220
पूर्व विधायक 2 379
आंदोलनकारी 655 43063
सीनियर सिटीजन 11014 89 1994
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (प्रथम पीढ़ी) 154 815
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विधवा (प्रथम पीढ़ी 15 1658
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विधवा 244 24183
कुल 34172 1145805