नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी बुधवार को चेन्नई से गिरफ्तारी की गई। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसके लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया है। डीएमके और सीपीआई ने भी इसकी आलोचना करते हुए इसे राजनीतिक करार दिया है।
इससे पहले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 16 फरवरी को कार्ति के चार्टर्ड एकाउंटेंट को गिरफ्तार किया था, जो कार्ति और उनसे जुड़ी कंपनियों का ऑडिट करते थे। हालांकि, कार्ति का कहना है कि जांच एजेंसी जिन कंपनियों की लेन-जांच कर रही है, उन कंपनियों को वह पहले ही छोड़ चुके हैं।
पूर्व वित्त मंत्री पी.चिंदबरम के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया के लिए एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में कार्ति की कथित भूमिका की जांच हो रही है। कार्ति को कथित तौर पर इसके एवज में मुंबई स्थित आईएनएक्स मीडिया से 3.5 करोड़ रुपए मिले। आईएनएक्स मीडिया अब 9-एक्स मीडिया के नाम से जाना जाता है। उस समय इस कंपनी को मुखर्जी दंपति चला रहे थे।
इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही ईडी का कहना है कि मुखर्जी दंपति ने नौ करोड़ पाउंड की राशि में हेर-फेर की और इस रकम को हवाला के जरिए विदेश भेज दिया। एफआईपीबी की मंजूरी मिलने के बाद आईएनएक्स मीडिया ने कहा कि कंपनी में 4.620 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ, लेकिन वास्तव में अगस्त 2007 से मई 2008 के बीच कंपनी में 305.36 करोड़ रुपए का निवेश आया था।