रुद्रप्रयाग: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों बड़े ही एक्टिव मोड़ में नजर आ रहे हैं। भाजपा के बयानों का जवाब तो दे ही रहे हैं। अब पूर्व सीएम हरीश रावत भाजपा सरकार के केदारनाथ पुनर्निर्माण को लेकर किए जा रहे दावों की हकीकत जानने के लिए दूरबीन साथ लेकर केदारनाथ रवाना हो गए हैं। भाजपा नेताओं की ओर से उन पर किए जा रहे व्यक्तिगत आक्षेपों कि हरीश रावत की अब उम्र हो गयी है, उन्हें राजनीति नहीं बल्कि सन्यास ले लेना चाहिए। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बाबा के दर पर जा रहा हूं। अगर बाबा कह देंगे तो सन्यास भी ले लूंगा।
पूर्व सीएम हरीश रावत शनिवार की रात को रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि पहुंचे। रविवार को केदारनाथ के लिए रवाना हो गये। जहां पैदल चलकर भाजपा सरकार के दावों के अनुसार करवाये जा रहे पुर्ननिर्माण कार्यों का जायजा लेंगे। हरीश रावत रविवार को भीमबली में रात्रि विश्राम करेंगे तो सोमवार को लिनचैनी में रात्रि प्रवास करेंगे। 8 मई को हरीश रावत केदारनाथ पहंुचेंगे, जहां बाबा के दर पर मत्था टेक कर विकास कार्यों को देखेंगे। अगस्त्यमुनि में हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा केवल टोटके बाजी कर रही है और केदारनाथ धाम में कार्यों को बढ़ाने के वजाय सिर्फ अपनी मार्केटिंग पर लगी हुई है। अभी तक पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यों को छोड़कर धाम में भाजपा सरकार केवल पत्थर विछाने व मिट्टी खोदने का ही काम कर पाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले डेढ़ साल में केवल दावे किए हैं। कहा कि वे बाबा के दर्शनों के साथ ही उन दावों को देखने के लिए केदारनाथ जा रहे हैं।
हरीश रावत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के उस बयान पर भी जवाब दिया जिसमें उन्हांेने कहा था कि पूर्व सीएम केदारनाथ तो जायें पर राजनीति ना करें। हरीश रावत ने कहा कि जो खुद राजनीति करते हैं। उनको दूसरों को सीख नहीं देनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने 60 फीसदी कार्य करवा दिये थे और बडे़ प्रोजेक्टों की डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को सौंप दी थी, जिस पर केंद्र हामी भरी थी। भाजपा सिंर्फ चुनावनीति जानती है और कुछ नहीं। इस दौरान उनके साथ पूर्व राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, केदारनाथ विधायक मनोज रावत समेत कई मौजूद रहे।