हरिद्वार। मातृ सदन आश्रम के बाहर सिंचाई विभाग की जमीन तथा आश्रम के अंदर लगे शीशम के मूल्यवान पेड़ों को मातृ सदन के ब्रम्हचारी दयानंद द्वारा बिना अनुमति अवैध रूप से काट दिए जाने पर वन विभाग ने मातृ सदन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।
हरिद्वार डीएम दीपक रावत के सम्मान कांड के बाद चर्चा में आया मातृ सदन एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। वन विभाग ने आरोप लगाया है कि मातृ सदन के ब्रम्हचारी दयानंद द्वारा बिना अनुमति अवैध रूप से शीशम के मूल्यवान पेड़ों को काट दिया गया। जिसके बाद वन विभाग ने ब्रम्हचारी दयानंद पर मुकदमा दर्ज कर दिया।
वही ब्रम्हचारी दयानंद का कहना है कि उनके द्वारा सूखे पेड़ों को ही कटा गया है। जिसके लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि सूखे पेड़ों के गिरने का भय बना हुआ था जिससे किसी बड़े हादसा होने की संभावना थी। ब्रम्हचारी दयानंद का कहना है कि पेड़ों का कटान मात्र घरेलू इस्तेमाल के लिए किया गया था। इतना ही नहीं ब्रम्हचारी दयानंद ने विभाग की कारवाही पर उंगली उठाते हुए कहा कि अवैध खनन पर विभाग आंख मूदे बैठा है। साथ ही उन्होंने कहा कि वन विभाग की इस कारवाही के पीछे डीएम रावत का भी हाथ है।