जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद से घाटी में शांति बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन और विरोध दोनों ही देखने को मिले हो, लेकिन अब जिस तरह से घाटी में जनजीवन सामान्य की तरफ बढ़ रहा है। उससे लोग खुश नजर आ रहे हैं। हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बातचीत में स्थानीय लोगों ने वर्तमान हालात पर खुशी जाहिर की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि, घाटी में सार्वजनिक यातायात सेवा, स्कूल, कॉलेज, बाजार सभी सामान्य रूप से खुल रहे हैं। उन्होंने बताया कि सालों बाद इस तरह के हालात देखकर वह खुश हैं।
वहीँ मोदी सरकार के इस फैसले के बाद से जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित मुख्य धारा के नेताओं को केंद्र द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त करने के निर्णय के मद्देनजर ऐहतियातन नजरबंद कर दिया गया था। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जहां घर में नजरबंद हैं, फारुक अब्दुल्ला को विवादास्पद जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है।
इस बीच पत्थरबाजी की घटनाओं और आतंकी घटनाओं पर भी अंकुश लगा है। साथ ही हाल ही हुई सेना भर्तियों को लेकर भी घाटी के युवाओं में ख़ासा उत्साह देखा गया। वहीँ यूरोपीय संघ सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने घाटी का दौरा कर वहां के हालत पर संतुष्टि जाहिर की थी।
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को नर्क बनाने में पकिस्तान के साथ-साथ स्थानीय अलगाववादी नेताओं पर भी आरोप लगते रहे हैं। साथ ही धारा 370 को भी अडंगा माना जाता रहा। ऐसे बदले परिवेश में एक बार फिर से भारत माँ का सिर कहा जाने वाला कश्मीर स्वर्ग बनने की ओर अग्रसर होने की उम्मीद की जा रही है।