जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को सोमवार को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया गया। फारूक अब्दुल्ला को गृह मंत्रालय ने उनके आवास पर ही हिरासत में ले रखा है और उनके आवास को सब्सिडरी जेल घोषित किया गया है। वह अपने घर में इस दौरान अपने मित्र या किसी अन्य रिश्तेदार से नहीं मिल सकते हैं। पीएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
श्रीनगर से लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला 5 अगस्त से घर में नजरबंद हैं, जब भारत सरकार ने कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन को नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख की नजरबंदी पर नोटिस भी जारी किया।
इस बीच फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और 30 सितंबर तक जवाब देने को कहा है।