देहरादून: फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाने वाले एक अभियुक्त को डोईवाला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह मामला तब सामने आया जब बेसिक शिक्षा विभाग उत्तराखंड में कार्यरत फर्जी शिक्षकों और अन्य समस्त शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच अपराध अनुसंधान विभाग खंड देहरादून के विशेष अन्वेषण दल(SIT) ने की।
मामले के अनुसार, SIT टीम ने जांच में राउप्रावि सुनार गांव, खंड डोईवाला देहरादून में नियुक्त सहायक अध्यापक पुरुषोत्तम यादव के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच करने पर पाया कि, यादव ने नियुक्ति के समय शिक्षा विभाग को दिए गए अपने हाईस्कूल के अंकपत्र और प्रमाण पत्र फर्जी थे।
इसके क्रम में SIT ने आवश्यक कार्यवाही हेतु रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजी, शिक्षा विभाग ने एसआईटी जांच के आधार पर पुरुषोत्तम यादव की विभाग से सेवा समाप्ति कर थाना डोईवाला पर एफआईआर हेतु प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना डोईवाला पर अभियुक्त पुरुषोत्तम यादव के विरुद्ध 15 अक्टूबर 2018 को मुअसं 230 /18 धारा 420/ 467/ 468/ 471 आईपीसी का अभियोग पंजीकृत किया गया। विवेचना के दौरान पुरुषोत्तम यादव के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट अंकपत्र और प्रमाण पत्र एवं मूल निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।
उक्त अभियुक्त अभियोग पंजीकृत होने के बाद से ही अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा था। मुखबीर तंत्रों के माध्यम से पता करने पर पता चला कि अभियुक्त चांदपुर बिजनौर के आस-पास का रहने वाला है। इस पर पुलिस ने चांदपुर, बिजनौर और आस-पास के गांव में पूछताछ की तो अभियुक्त का मूल पता ग्राम रामपुर बिजनौर का होना पाया। गांव में मालूम करने पर पता चला कि, अभियुक्त गांव से भी फरार चल रहा है और कभी-कभी घर में आता है।
बीते गुरूवार को मुखबिर ने सूचना दी गई कि अभियुक्त घर पर आया हुआ है, इस पर तत्काल अभियुक्त के निवास स्थान ग्राम रामपुर, जिला बिजनौर, उत्तर प्रदेश पर दबिश दी गई और अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त को आज न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार देहरादून भेजा गया।