फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी लगाने हेतू लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले आठ अभियुक्त गिरफ्तार

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देहरादून: कोतवाली ऋषिकेश के अंतर्गत एम्स अस्पताल ऋषिकेश में विभिन्न पदों पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी लगाने हेतू लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले आठ अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही फर्जी नियुक्ति प्रपत्रो, लैपटॉप, मोबाइल छात्रों के मूल दस्तावेज, एक लाख सत्तर हजार रूपये तथा स्कॉर्पियो गाड़ी संख्या यूके07 डीके 7777 भी बरामद किया है।

मामले के अनुसार,  बीते सोमवार को वादी पारस कुमार पुत्र धनीराम निवासी बीएसएम चौक थाना गंग नहर रुड़की हरिद्वार ने थाना ऋषिकेश पर सूचना अंकित करायी कि एम्स अस्पताल ऋषिकेश में संविदा पर नौकरी लगाने के नाम पर मुझे दीपक गोवारी पुत्र इंद्र गोवारी के द्वारा ढाई लाख रुपए लेकर नौकरी का एक फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया। जिसकी मुझे बाद में जानकारी हुई कि उक्त नियुक्ति पत्र फर्जी है तथा दीपक के साथ कुछ लोग मिलकर एम्स में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए लेकर धोखाधड़ी कर रहे हैं। वादी की लिखित सूचना के आधार पर थाना ऋषिकेश पर मुअसं 45/2019, धारा 420/467/468/471 भादवि पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी।

एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखों रूपए लेने की लगातार मिल रही शिकायतों तथा शिकायतकर्ता के द्वारा दीपक गोवारी नाम के व्यक्ति के नाम से व उसके कुछ साथियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस पर गठित पुलिस टीम द्वारा तत्काल एम्स में फर्जी नियुक्ति प्रपत्रों के आधार पर नौकरी लगाने वाले नाम दर्ज अभियुक्त दीपक गोवारी के विषय में जानकारी हासिल करते हुए उसके प्राप्त मोबाइल नंबर की आई.डी व फोटो के माध्यम से भी एम्स अस्पताल के विभिन्न विभागों के सी.सी.टी.वी फुटेज से दीपक गोवारी की फोटो प्राप्त कर एम्स संस्थान के आसपास स्थित प्रतिष्ठानों पर भी उक्त फोटो को दिखा कर पूछताछ की गई मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।

गठित पुलिस टीम नाम दर्ज अभियुक्त दीपक व उसके साथियों की क्षेत्र में तलाश कर रही थी तभी शनिवार की शाम को मुखबिर की सूचना पर अभियुक्त दीपक को चंद्रभागा पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।

अभियुक्त दीपक गोबारी पुत्र स्व0 इन्द्र सिंह गोबारी निवासी कैनाल रोड़ थाना राजपुर देहरादून पूछने पर बताया कि में देहरादून में कैनाल रोड़ में एक फ्लैट पर किराये पर रह रहा हॅू। इसी दौरान मैं एम्स ऋषिकेश में नौकरी के लिये आता रहता था परन्तु काफी चक्कर काटने के बाद भी मुझे एम्स में नौकरी नही मिली। इसी दौरान मेरे मकान मालिक प्रशान्त विनोद शर्मा निवासी विद्या विहार फेस प्रथम देहरादून के द्वारा मुझे पुष्पा साह पत्नी महेश साह निवासी अधोईवाला व प्रशान्त पुत्र विनोद शर्मा निवासी विद्या विहार फेस प्रथम देहरादून से मिलवाया गया। इन दोनो ने मुझे कहा कि हम एम्स में संविदा पर नौकरी लगवाने के नाम पर बच्चो से लाखो रूपये कमाते हैं हम तुम्हे भी अपने साथ सम्मिलित कर सकते हैं किन्तु तुम्हे हमारे द्वारा भेजे गये बच्चो का एम्स में मेडिकल कराना है ताकि बच्चो को लगे कि उनकी नौकरी लग रही है साथ ही तुम्हे हम फर्जी नियुक्ति पत्र देंगे जो तुम्हे बच्चो को दिखाने व देने हैं इसके ऐवज में हम लोग तुम्हे एक लाख  प्रति बच्चे के देगें। इसी बीच पुष्पा और प्रशान्त मुझे कई बार एम्स में अन्दर भी ले गये ये पुष्पा व प्रशान्त द्वारा फर्जी नौकरी दिलाने जैसे धोखाधड़ी के इस खेल में शामिल हो गया तथा पुष्पा व प्रशान्त द्वारा एम्स में नौकरी के लिये भेजे गये बच्चों को एम्स ऋषिकेश में मेडिकल कराने लगा। इसके बाद कुछ लड़के जिनमें सागर पाण्डेय, कुश उनियाल, चिराग गर्ग, अब्दुल कादिर, अजय रावत, अमित भारती व विक्रम सिंह भी मेरे से जुड गये। जो अपने अपने स्तर से एम्स में संविदा के नाम पर नौकरी लगाने के नाम पर बच्चे लाते थे तथा प्रति बच्चे ढाई से तीन लाख रूपये लेते थे जो हम लोग आपस में बांट लेते थे। मुझे कम्प्यूटर की अच्छी जानकारी थी, पुष्पा व प्रशान्त द्वारा पूर्व में मुझे दिये गये फर्जी नियुक्ति पत्र को मैने कम्प्यूटर के माध्यम से स्कैन कर व एडिट कर जिन बच्चो से नौकरी के नाम पर रूपये लिये गये थे, उनके नाम लिखकर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार किये गये। यह नियुक्ति पत्र एम्स ऋषिकेश के लेटरपैड पर बना है,  जिस पर एम्स ऋषिकेश का मोनोग्राम है तथा प्रो0 रविकान्त डायरेक्टर एम्स के हस्ताक्षर हैं, जो कि स्कैन किये हुये फर्जी हैं। मैने एम्स ऋषिकेश की वैव साईट में मो0नं0 9410773263 देखा था जो एम्स का नम्बर था, मैने इसी से मिलता जुलता मो0नं0 9410773363 अपनी आईडी पर खरीदा तथा इसे मेरे द्वारा सुधीर चौधरी के नाम से स्वयं चलाया गया, जिस पर मैं अपने आप को सुधीर चौधरी एम्स का अधिकारी बताता था व बच्चो को झूठ झूठ नौकरी का झांसा देकर खुद सुधीर चौधरी बनकर बात किया करता था। चूकि हम बच्चो को नौकरी लगाने के नाम पर रूपये लेकर धोखाधड़ी कर रहे थे। इस खेल में मेरे साथ पुष्पा व प्रशान्त के अलावा सागर पाण्डेय, कुश उनियाल, चिराग गर्ग, अब्दुल कादिर, अजय रावत, अमित भारती व विक्रम सिंह भी सम्मिलित थे तथा एक अन्य व्यक्ति दीपक तोमर निवासी रेसकोर्स देहरादून है। कुश उनियाल, चिराग गर्ग, अब्दुल कादिर, अजय रावत, अमित भारती व विक्रम सिंह अभी देहरादून से अजय रावत की सफेद रंग की र्स्कोपियो से ऋषिकेश में मुझे व सागर पाण्डेय पर रूपये वापस करने का दबाव बनाने आ रहे हैं तथा उन्होने बस अड्डे ऋषिकेश पर मुझे मिलने को कहा है।अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु संयुक्त बस अड्डा ऋषिकेश पर पंहुचे। अभियुक्त दीपक द्वारा 14 बीघा जाने वाले नये पुल के पास गाड़ी रूकवाकर कहा कि जो सामने सफेद रंग की र्स्कोपियो नम्बर यूके 07 डीके 7777 खड़ी है, वह अजय रावत की है,  सम्भवतः कुश उनियाल व मेरे अन्य साथी भी इसी गाड़ी में होंगे। पुलिस पार्टी द्वारा र्स्कोपियो में बैठे सभी व्यक्तियों को पकड़कर हिरासत में लिया गया।

अभियुक्त गणों में दीपक गोबारी  पुत्र स्व0 इन्द्र सिंह गोबारी निवासी कैनाल रोड़, थाना राजपुर देहरादून, (डॉलफिन इन्स्ट्टियूट देहरादून से माईक्रो बायलोजी से स्नातक), सागर पाण्डेय पुत्र हेमचन्द पाण्डेय निवासी 88 आवास विकास कालोनी, थाना ऋषिकेश, (12वीं विद्या मंदिर ऋषिकेश), चिराग गर्ग पुत्र स्व0 बृजभूषण गर्ग निवासी 205/169 पार्क रोड़,  थाना पटेलनगर, देहरादून, विक्रम सिंह बिष्ट पुत्र वीरेन्द्र सिंह बिष्ट निवासी प्रगति पुरम कालोनी, श्यामपुर बाईपास, थाना ऋषिकेश, (मास कॉम), अब्दुल कादिर अंसारी पुत्र मौहम्मद आसिम अंसारी निवासी म0नं0 399 निकट गुप्ता स्टोर, चाणक्य मार्ग सुभाषनगर, थाना क्लेमन्टाउन, अजय रावत पुत्र नरेन्द्र सिंह रावत निवासी म0नं0 38, ग्राम थारी, पोस्ट हल्दुआ, तहसील व थाना रामनगर (पॉलिटेक्निक), अमित भारती पुत्र ओमीचन्द्र निवासी 3/1 ग्रीन पार्क निरंजनपुर थाना पटेलनगर (एमबीए 2017 मेरठ), अभिषेक पुत्र भवानी निवासी  शास्त्री इन्कलेव सुभाषनगर, थाना क्लेमन्टाउन, देहरादून (M-tech 2014 (डी.आई.टी देहरादून) शामिल हैं।

इसके आलावा प्रकाश में आए नामजद अभियुक्तों में दीपक तोमर निवासी 614 B रेसकोर्स, देहरादून, पुष्पा शाह पत्नी महेश शाह निवासी रामपुर रोड, भदोहीवाला नियर चूना भट्टा, रायपुर देहरादून, प्रशान्त शर्मा पुत्र स्वर्गीय विनोद शर्मा निवासी विद्या विहार, कोतवाली पटेल नगर, देहरादून शामिल हैं।

इनसे 12 मोबाईल (अलग-अलग कंपनियों के, जिनमें एम्स के फर्जी नियुक्ति पत्र से संबंधित प्रपत्र हैं।), एक लेपटाप, विभिन्न छात्र/छात्राओं के शिक्षण सम्बन्धी मूल/छायाप्रति दस्तावेज व चेक, नगद 1,70,000/- रूपये, एटीएम कार्ड सम्बन्धित, एम्स में विभिन्न पदों पर (स्टोर कीपर, अटेंडेंट आदि) नौकरी के कई फर्जी नियुक्ति पत्र जिसमें प्रो0 रविकान्त डायरेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर है, एम्स ऋषिकेश के कई ब्लैंक लेटर पैड, र्स्कोपियो नम्बर यूके 07 डीके 7777 बरामद हुए हैं।

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