देहरादून: हाई कोर्ट ने रुड़की पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज करने पर सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ में रुड़की निवासी फिरोज की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा था है कि वे रुड़की में वाटर स्पोर्ट क्लब चलाते है।
22 जुलाई को पुलिस ने बिना किसी कारण व अपराध के उनको घर से उठाकर थाने में बंद कर दिया और उनके खिलाफ झूठे मुकदमे चोरी, लूटपाट, आतंकवादी व षड्यंत्र रचने के आधार पर पुरानी तिथि में आईपीसी की धारा 151 के तहत चालान काटकर एफआईआर रुड़की थाने में दर्ज कर दी। 26 जुलाई 2018 को रिहा भी कर दिया और थाने में उनको कोतवाली इंचार्ज साधना त्यागी व एसएसआई हरपाल सिंह ने प्रताड़ित भी किया। इसकी शिकायत उन्होंने डीजीपी से की। डीजीपी ने इस मामले की जांच एसएसपी हरिद्वार से करने को कहा परन्तु कोई कार्यवाही न होने पर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिक दायर की जिसमे उन्होंने दोषी दोनों पुलिस वालो के खिलाफ सीबीआई की जांच करने की मांग की है। मामले को सुनने के कोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।