देहरादून: मसूरी-कैम्पटी रोड के श्रीनगर एस्टेट में होटल बनाने को आतुर एक व्यापारी द्वारा कागजों में बड़ा ही फर्जीवाड़ा किये जाने का मामला सामने आया है। मामले में शिकायत है कि, इन फर्जी कागजों के बूते ही व्यापारी ने प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है, लेकिन एमडीडीए द्वारा मामले में अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। जिससे एमडीडीए की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
मामले के अनुसार, मसूरी-कैम्पटी रोड के श्रीनगर एस्टेट में प्रतिबंधित क्षेत्र में एक होटल का निर्माण किया जा रहा है। यह भूमि एमडीडीए के अंतर्गत आती है व यह वन भूमि है, जहाँ कि किसी भी निर्माण कार्य पर प्रतिबन्ध है, लेकिन इस जगह को लेकर उक्त व्यक्ति द्वारा इस भूमि को किसी अन्य भूमि के खसरा नंबर देकर जबरन इसे वैध ठहराया गया है। मामले में हैलो उत्तराखंड न्यूज़ को जानकारी देते हुए कैम्पटी पटवारी ने बताया कि, उक्त भूमि साडा में नहीं बल्कि एमडीडीए के अंतर्गत आती है। शिकायत के मुताबिक, उक्त व्यक्ति द्वारा एमडीडीए को दिए कागजों में जो खसरा नंबर दिया गया है, उनमे इस जगह को सिया गाँव का भाग दर्शाया गया है, जबकि स्थानीय पटवारी ने साफ़ किया है कि, यह जगह एमडीडीए क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
वहीँ मामले में जब हैलो उत्तराखंड न्यूज़ ने एमडीडीए मसूरी से इस बाबत बात की, तो उन्होंने उक्त जगह को ही एमडीडीए से बाहरी क्षेत्र में होने की बात कह दी। इसके आलावा जब एमडीडीए वीसी आशीष श्रीवास्तव व एसडीएम मसूरी मीनाक्षी पटवाल को मामले से अवगत कराया गया तो, उन्होंने जाँच उपरांत गलत पाए जाने पर कार्यवाही की बात की। हालाँकि मामले में एमडीडीए पर भी सवाल उठते हैं, कि आखिर एमडीडीए की नाक के नीचे निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया और एमडीडीए द्वारा इस संबध में दिए गये कागजों की धरातलीय जाँच तक नहीं की गई।