नैनीताल: हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेशित किया है कि, उत्तराखंड के सभी उद्योगों की ओर से किए जा रहे वायु व जल प्रदूषण की जांच कर रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर सीलबंद कर कोर्ट में प्रस्तुत करे। कोर्ट के पूर्व आदेशों के क्रम में सदस्य सचिव, उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कोर्ट में पेश हुए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार ऊधमसिंह नगर निवासी हिमांशु चंदोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ऊधमसिंह नगर में 28 उद्योगों द्वारा वायु व जल प्रदूषण किया जा रहा है। इस प्रदूषण के कारण कई लोगों की हेपोटाइटिस से मौत भी हो चुकी है। याचिका में कहा कि प्रादुधन की अधिकता से उन स्थानों की भूमि कृषि लायक भी नहीं रह गई है। वहां का सारा प्रदूषित पानी खेतों व नदियों में जा रहा है जिससे नदियां भी दूषित हो रही हैं। इस प्रकरण पर कोर्ट ने सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पक्षकार बनाते हुए सिडकुल में स्थित फैक्ट्रियों की ओर से प्रदूषण किए जाने के मामले में जांच कर रिपोर्ट छह सप्ताह में कोर्ट में देने के निर्देश दिए।