नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक ने अपने एक खास टूल्स को हटा दिया है। यह बेहद चैंकाने वाली बात है। फेसबुक ने शुक्रवार को घोषणा की कि हैकरों की लोगों के अकाउंट में सेंध लगाने के कारण पांच करोड़ अकाउन्ट प्रभावित हुए हैं। दुनिया के इस बड़े सोशल नेटवर्क ने कहा कि इस सप्ताह हमें पता चला कि हैकरों ने एक्सेस टोकंस चुरा लिये जिसके कारण ये अकाउंट प्रभावित हुए। फेसबुक ने अपने व्यू एज वाले ऑप्शन को अब हटा दिया है। इससे ये पता चलता था कि किसी दूसरी थीम में आपकी प्रोफाइल कैसे दिख सकती है।
एक्सेस टोकंस एक प्रकार की डिजिटल चाबियां हैं, जिससे हैकर उन अकाउंट तक पहुंच बनाने में सफल रहे। फेसबुक के प्रोडक्ट मैनेजमेंट के उपाध्यक्ष गे रोसेन ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, यह साफ है कि हमलावर फेसबुक का कोड भेदने में सफल रहे। फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि इंजीनियरों ने मंगलवार को इस खामी का पता लगाया लिया था। गुरुवार रात तक इसे ठीक करने का काम किया गया। उन्होंने ब्लाग में कहा कि अब हमने खामी दूर कर ली है।जुकरबर्ग ने कहा, हमें पता नहीं है कि क्या किसी अकाउंट का वास्तव में गलत इस्तेमाल हुआ है। यह गंभीर मुद्दा है। फेसबुक ने एहतियातन अस्थायी तौर पर व्यू एज फीचर को हटा लिया है। यह फीचर एक प्राइवेसी टूल (निजता उपकरण) है जो यूजर को देखने की अनुमति देता है कि उसका अपना प्रोफाइल किसी अन्य को कैसा दिखेगा।
खबरों के मुताबिक कहा जा रहा है कि ताइवान के एक हैकर ने फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को धमकी दी है। हैकर ने दावा किया है कि वह एक लाइव-स्ट्रीम वीडियो में मार्क जकरबर्ग का प्रोफाइल डिलीट कर देगा। हैकर चांग ची-युआन ने बताया है कि वह मार्क जुकरबर्ग के अकाउंट को डिलीट कर देगा। बताया जा रहा है कि चांग ने कई खामियों का खुलासा करने का दावा किया है।
वहीं, इससे पहले फेसबुक ने स्वीकार किया था कि यूजर्स ने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए दिए गए फोन नंबरों का इस्तेमाल वह उन्हें विज्ञापन के लिए लक्षित करने में कर रही है। टेकक्रंच की रिपोर्ट में फेसबुक के प्रवक्ता के हवाले से बताया गया, श्हम लोगों द्वारा दी गई जानकारी का प्रयोग फेसबुक पर बेहतर और अधिक वैयक्तिक अनुभव मुहैया कराने के लिए करते हैं, जिसमें विज्ञापन भी शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया कि फेसबुक ने उन नंबरों का प्रयोग किया, जो यूजर्स उसे टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2एफए) के लिए मुहैया कराते हैं। यह एक सुरक्षा तकनीक है जो खातों के सुरक्षित रखने के लिए ऑथेंटिकेशन की दूसरी परत मुहैया कराती है। फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, हम स्पष्ट हैं कि हम किस प्रकार से जानकारियां इकट्ठा करते हैं, जिसमें लोगों द्वारा अपने खातों में डाले गए फोन नंबर भी शामिल हैं। आप अपने खाते में डाले गए नंबर और निजी जानकारियों को किसी भी समय डिलीट कर सकते हैं