देहरादून: हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब पिछले दो माह से देहरादून में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। एमडीडीए ने अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद अतिक्रमण पर जेसीबी चला दी। लेकिन अब भी कई ऐसी जगहें हैं, जिन जगहों पर रसूखदारों के अतिक्रमण जस के तस बन हुए हैं। इनको हटाने का अब तक प्रयास भी नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि उनको जानबूझकर नहीं तोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकार और रसूखदार लोगों के बीच कुछ बड़ी प्लानिंग पर काम चल रहा है। खासकर निजी अस्पतालों और नर्सिंग होमों को अतिक्रमण अभियान से मुक्त रखने के लिए एमडीडीए के एक्ट में बदलाव भी किया जा सकता है।
एमडीडीए और प्रशासन से लेकर सरकार तक ने अतिक्रमण हटाने पर पूरा जोर लगा रखा है। इस अभियान के दौरान आरोप भी लगते रहे कि, सरकार जानबूझकर अपने खास लोगों और रसूखदारों के अतिक्रमण नहीं हटा रही है। जबकि आम लोगों का अतिक्रमण नहीं होने के बावजूद निर्माण ढहा दिया गया। सू़त्रों से जो बातें निकलकर बाहर आ रही हैं, उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार अस्पताल, नर्सिंग होम और रसूखदार कुछ लोगों के लिए एक्ट में ही कुछ बड़ा बदलाव करने की फिराक में है। कहा जा रहा है कि सरकार इबके लिए अलग से एक्ट भी ला सकती है।
बताया जा रहा है कि इसको लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की शासन में एक-दो दौर की मुलाकात भी हो चुकी है। मामले को लगभग सेटल भी बताया जा रहा है। हालांकि इसको लेकर अब तक कोई आॅफीशियल स्टेटमेंट सामने नहीं आई है। देखना होगा कि सरकार वास्तव में इस तरह का कोई संशोधन करने जा रही है या फिर यह केवल अफवाह है। सूत्रों की मानें तो नर्सिंग होम और निजी अस्पताल संचालकों को सरकार आश्वासन भी दे चुकी है।