कश्मीर: अमरनाथ यात्रा में हवाई सेवा के टिकटों की कालाबाजारी का महाघोटाला सामने आया है। हैदरावाद निवासी एक शिकायतकर्ता ने गो चाॅपर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ अमरनाथ श्राइन बोर्ड के डिप्टी सीईओ और एडीजी कश्मीर पुलिस मुनीर खान से शिकायत की है। उनका आरोप है कि जब टिकटों की डिलीवरी लेने गए तो उनको 47 लोगों की टिकट दी जानी थी, लेकिन उनको केवल 16 लोगों की ही टिकट दी गई, जो बाद में वापस ले ली गई, लेकिन उनके लिए जो रकम चुकाई थी। वह आज तक वापस नहीं दी गई। इसमें हैरान करने वाली बात यह थी कि टिकट की कीमत 8500 रुपये वसूली गई। जबकि बालटल से मात्र करीब 31 सौ रुपये का ही टिकट है। इतना ही नहीं टिकट हासिल कर ब्लैक करने के लिए कंपनी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव और उत्तर प्रदेश से सांसद छोटेलाल के लेटरपैड का स्तेमाल किया गया था। इतना सबकुछ होने के बाद भी उनको टिकट नहीं दी गई। उन्होंने जब टिकटों के एवज में कंपनी को दी गई करीब 4 लाख की रकम वापस मांगी, तो उनको पहलगाम से श्रीनगर और फिर पहलगाम के चक्कर कटवाये गए। उनको एक लाख वापस दे दिए गए, जबकि पूरी रकम अब तक नहीं लौटाई गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने दिल्ली के ट्रैवल एजेंस राज शाह के जरिए गो चाॅपर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी अंकित से संपर्क किया गया। अंकित ने पहलगाम आकर टिकट लेने की बात कही। जब शिकायतकर्ता और उनके साथ टिकट देले वहां पंहुचे तो वहां से कहा गया कि श्रीनगर जाएं। वाहं कुलदीप नाम का युवक टिकट देगा। वहां से 16 टिकट दिए गए, जो यूटी एअर कंपनी की थी। इनमें से छ असली और छ फोटो स्टेट की गईं थी। साथ ही चार टिकट किसी दूसरे नाम की दी गईं। श्रीनगर से कहा गया कि वापस बालटाल आएं। सुबह साढे 6 बजे तक आने पर ही टिकट दी जाएगी। पीड़ित के अनुसार उन्होंने वहीं टिकट और उनका पैसा लौटाने के लिए कहा। फिर से अंकित से संपर्क किया गया। उसने कुलदीप के पास भेजा। अंकित का कहना था कि पहलगाम से टिकट नहीं करा पा रहे हैं। वापस श्रीनगर जाना होगा। फिर अंकित ने नमन नाम के एक युवक के बारे में बताया। कहा कि वो पैसा दे देगा, लेकिन वहां भी पैसे नहीं दिलवाए। अंकित को कई बार फोन किया, लेकिन फोन को रिसीव करने के बजाय नंबर को रिजेक्ट लिस्ट में डाल दिया। उनको बताया गया कि अंकित कंपनी छोड़कर चला गया है। फिर पिंकी शर्मा नाम के कर्मचारी का नंबर दिया गया। उसने भी फोन नहीं उठाया। कंपनी मालिक कैप्टन पुनीत बख्शी से संपर्क किया, लेकिन उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया। जबकि ट्रैवल एजेंट राज शर्मा कह रहा है कि कंपनी के पास पैसा नहीं है।
ये है बड़ा खेल
टिकट घोटाले का बड़ा खेल यह है। दरअसल, श्राइन बोर्ड आवश्यक होने पर कभी-कभार वीआईपी और वीवीआईपी लोगों को टिकट दिलाने में मदद करता है। इसी का लाभ उठाकर गो चाॅपर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लोग अलग मंत्री, सांसदों और अधिकारियों के लेटर हेड का प्रयोग कर टिकट ब्लेकिंग को अंजाम देते हैं। इसमें खेल यह है कि श्राइन बोर्ड से सस्ते दामों पर मिले टिकटों को तीन गुना दामों पर बेचा जाता है।
श्राइन बोर्ड की अनुमति के बगैर टिकट
एक सवाल यह भी है कि श्राइन बोर्ड की अनुमति के बगैर कैसे कोई एजेंसी और कंपनी किटक बिक्री कर रही थी, जबकि श्राइन बोर्ड की अनुमति के बगैर कोई दूसरी एजेंसी और कंपनी टिकटों की बिक्री नहीं कर सकती है।
उत्तराखंड में भी कर चुकी ब्लैक टिकटिंग
इन कंपनियों का ब्लैक टिकटिंग का खेल कोई नई बात नहीं है। अमरनाथ में हवाई यात्रा संचालित करने वाली कंपनियां उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के दौरान भी ब्लैक टिकटिंग का धंधा कर चुकी हैं। मामले में कंपनियों को ब्लैक टिकटिंग करते हुए भी पकड़ा गया था। मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
हेल्लो उत्तराखंड न्यूज़ स्व बात करते हुए एडीजी मुनीर खान ने बताया की मामले की जाँच के लिए सम्बन्धित क्षेत्र के अधिकारी को निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द करवाई कर दोषियों के खिलाफ करवाई की जाएगी। साथ ही अमरनाथ श्राइन बोर्ड के एडिशनल डायरेक्टेर ने भी कहा की उनके खिलाफ करवाई की जाएगी।