नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में प्रशासन ने EVM स्ट्रांग रूम की निगरानी में 5 लोगों को रहने की इजाज़त दे दी है। सोमवार को यहां से गठबंधन (SP-BSP Alliance) के उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे। उनका आरोप था कि गाजीपुर लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा आती हैं और हर विधानसभा की ईवीएम 5 अलग-अलग जगहों पर है। यूपी के चंदौली में भी ईवीएम को लेकर गठबंधन समर्थक धरने पर बैठ गए। आरोप है कि गाड़ी से लाई गई कुछ ईवीएम को काउंटिंग स्थल के एक अलग कमरे में रखा गया। बता दें, बिहार में भी कुछ जगहों पर ईवीएम की ‘संदिग्ध आवाजाही’ का आरोप लगाया गया है। लेकिन चुनाव आयोग (Election Commission) का कहना है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है, ये आरोप बेबुनियाद हैं।
वहीं उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज में सपा-बसपा कार्यकर्ताओं ने पिछले मंगलवार को ईवीएम से भरा एक मिनी ट्रक पकड़ा। इनका आरोप है कि इस ट्रक को ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर लाया जा रहा था। साथ ही इनका आरोप है कि बीजेपी के लोगों ने इन ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ की है। यहां 12 मई वोटिंग डाले गए थे। उत्तर प्रदेश के मऊ में सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार अतुल राय अपने समर्थकों के साथ ईवीएम में गड़बड़ी होने की आशंका को लेकर स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर बैठ गए। ईवीएम की सुरक्षा करने पहुंच कर वहां स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कुर्सी लगाकर बैठ गए।
इन सभी आरोपों पर चुनाव आयोग ने मंगलवार को बयान जारी किया है। चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि जहां भी समस्या थी, वहीं सभी मामलों को सुलझा लिया गया है। चुनाव आयोग ने गाजीपुर में लगे आरोपों पर कहा कि यहां ईवीएम स्ट्रॉंग रूप पर उम्मीदवारों द्वारा निगरानी रखने से संबंधित मुद्दा था, जिसे चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक सुलझा लिया गया है। वहीं चंदौली पर कहा है कि कुछ लोगों ने आरोप लगाया था। ईवीएम उचित सुरक्षा में हैं और प्रोटोकॉल के तहत रखा हुआ है।
आयोग ने डुमरियागंज के मामले पर कहा है कि ईवीएम सुरक्षित हैं। आरोप बेबुनियाद हैं। उन्हें डीएम और एसपी ने समझा दिया। मामला सुलझ गया है। वहीं झांसी के बारे में कहा कि ईवीएम राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की उपस्थिति में उचित सुरक्षा और प्रोटोकॉल के तहत हैं। कोई समस्या नहीं।
इसके साथ ही साथ ही चुनाव आयोग ने कहा, ‘ईवीएम और वीवीपैट को उम्मीदवारों के सामने ठीक से सील किया गया और उनकी वीडियोग्राफी भी हुई। सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहां पर केंद्रीय सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं। उम्मीदवारों को स्ट्रॉंगरूम की एक बार निगरानी रखने की अनुमति दी गई है और उनके एक प्रतिनिधि को हर वक्त वहां रहने की मंजूरी है, आरोप बेबुनियाद हैं।