उत्तरकाशी: केन्द्र तथा राज्य सरकार की योजना साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम के तहत लोगों को शिक्षित करने वाले शिक्षा प्रेरकों को बाहर का रास्त दिखाने पर नाराज शिक्षा प्रेरकों ने सरकार के खिलाफ सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान शिक्षा प्रेरकों ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया।
शिक्षा प्रेरकों ने मुख्य बाजार से होते हुए कलक्ट्रेट परिसर तक प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि विगत आठ सालों से शिक्षा प्रेरक दूर-दराज के गांव में निरक्षर लोगों के साक्षर करने का काम कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने शिक्षा प्रेरकों को सरकारी सेवा देने के बजाय उन्हें बाहर का रास्ता दिखाकर अन्याय कर रही है। कुछ दिन पूर्व सरकार के इस आदेश से शिक्षा प्रेरकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उससे शिक्षा प्रेरकों के सामने रोजगार की समस्या पैदा हो गई है। जनपद के छह ब्लॉकों में हजार के लगभग शिक्षा प्रेरक, छह ब्लॉक समंवयक तथा जिला समंवयक व लेखाकार पूर्ण निष्ठाभाव से अपनी सेवा निरंतर देते आ रहे है। लेकिन इस प्रकार से प्रेरकों को बाहर किए जाने का फैसला सरासर गलत है जिसकी हम सभी शिक्षा प्रेरक निंदा करते हैं।
समय से मानदेय न मिलने तथा कम मानदेय देने के बावजूद शिक्षा प्रेरक लोगों के शिक्षित कर रहे हैं। सरकार को शिक्षा प्रेरकों के मानदेय में बढ़ोत्तरी के साथ सरकारी सेवा देनी चाहिए थी। लेकिन सरकार शिक्षा प्रेरकों के साथ धोखा करने का काम कर रही है। इस दौरान शिक्षा प्रेरकों ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा है। जिसमें कि चेतावनी दी गई कि अगर शिक्षा प्रेरकों की मांगों को नहीं माना जाता है, तो उग्र आंदोलन के साथ प्रदर्शन किया जाएगा।