देहरादूनः शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक और बयान देकर सभी को अचंभित कर दिया है। इस बार उन्होंने शासकीय कार्यप्रणाली पर भी कई सवालिया निशां लगा दिए हैं।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक निजी चैनल को दिए गए बयान में सरकारी महिला कर्मचारियों पर ही आरोप लगा दिया है। साथ ही सरकार को भी कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
मंत्री जी का बयान है कि सरकारी महिला कर्मचारी फर्जी प्रमाण पत्रों को सहारा लेकर सुगम स्थलों में पोस्टिंग पाए हुई हैं। वो भी सरकार की नाक के नीचे। उनका कहना है कि महिलाएं पोस्टिंग का खेल खेलने में भी पीछे नहीं हैं, वो पोस्टिंग को सुगम मं सुनिश्चित करने के लिए अपने पति से तलाक के फर्जी कागजात देकर और पति के जीवित रहते हुए भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र देकर भावनात्मक रूप से अपनी पोस्टिंग देहरादून में ही पाए हुए हैं।
वहीं हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कंवर ने बताया कि कोटीकरण के जिला स्तर कमेटी के माध्यम से ही स्कूल केटेगरी निर्धारित होती है, और यदि उसी कोटीकरण की श्रेणी में स्कूल के टीचर रहा है तो उसे उसी कैटेग्री में रखा जाएगा जिसका वो फायदा उठा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे ने उत्तराखंड में महिला खिलाड़ियों के साथ यौन शोषण होने की बात कही थी। हालांकि इस बायान के बाद कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया है और ना ही इस बार सरकारी महिला कर्मचारियों पर लगाए गए बयान पर।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंत्री जी आखिर कब वो सबूत पेश करेंगें? क्योंकि जब से यह बयान सामने आए हैं तब से सब की जुबान पर एक ही सवाल है कि यदि मंत्री जी के पास सबूत हैं तो फिर मंत्री जी उनको सजा क्यों नहीं दिलवा रहे हैं?