देहरादून: शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने आज मुख्य सचिव व सभी जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता कर निर्देश दिए है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा फिहाल कोई अतिरिक्त शुल्क नही लेगा। शिक्षा मंत्री का कहना कि इस महामारी की घड़ी में वह अभिभावकों के साथ खड़े है। उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया है कि ट्यूशन फीस के अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क नही ले पाएंगे।
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प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अब स्कूल बंद रहने के दौरान बस, कम्प्यूटर, लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स एक्टिविटीज शुल्क के साथ कई और प्रकार के शुल्क जो अभिभावकों से लिये जाते है, वह नहीं देने पड़ेंगे। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने ये भी तय किया है कि हालात सामान्य होने के बाद अभिभावकों से ट्यूशन फीस एक साथ न लेकर, किस्तों में ली जयेंगी।
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वहीं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि कई स्कूलों को लेकर शिकायतें भी प्राप्त हो रही है कि वह एनसीईआरटी की पुस्तकों की जगह प्राइवेट पुस्तकें को चला रहे है। उन्होने कहा कि “में यह साफ करना चाहते हों कि लॉक डाउन की वजह से एनसीईआरटी ने 4 सप्ताह का सिलेबस कम कर दिया है, इसलिए सरकार ने जो नियम बनाया है कि सभी स्कूल एनसीईआरटी की पुस्तकों को ही चलाएंगे, वह सभी स्कूल तय करले कि स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की ही पुस्तकों को चलाएंगे। ऐसे न करने वाले स्कूलों की शिकायत मिलने पर मान्यता रद्द की जयेंगी। साथ ही जो अधिकारी शिकायत मिलने पर भी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नही करेंगे, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की जाएंगी। किसी भी स्कूल की शिकायत अगर शोसल मीडिया, अभिभावकों के द्वारा या मीडिया के माध्यम से मिलेगी, की कोई स्कूल एनसीईआरटी की पुस्तकें नही चला रहे है, उनकी मान्यता हर हाल में रद्द की जयेंगी।”
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