उत्तरकाशी: दुग्ध संघ अध्यक्ष सुरेंद्र नौटियाल ने प्रेसवार्ता कर अपने एक साल के कार्यकाल में किये गए कार्यों की जानकारी दी। दुग्ध संघ की स्थापना से लेकर अब तक के कार्यकाल के अंतर्गत मात्र एक वर्ष में हुए तुलनात्मक दृष्टि से ऐसे एतिहासिक कार्य वाकई काबिले तारीफ हैं, दुग्ध संघ के क्षेत्र में पहली बार “एक साल, बेमिशाल” एक वर्ष में तुलनात्मक दृष्टि से मार्केटिंग के क्षेत्र में तीन गुना वृद्धि हुई है।
इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, दुग्ध संघ में हो रहे अतिक्रमण के लिए बाउंडरी वॉल हेतु संयुक्त निदेशक ने दुग्ध संघ से प्रस्ताव मांगा, साथ ही दुग्ध संघ की खाली पड़ी जमीन पर अध्यक्ष द्वारा प्लान किया हुआ पेट्रोल पंप का सर्वे पूरा हुआ, जो कि अंतिम चरण पर है, जिससे यहां के कुछ बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा। इसके आलावा विगत वर्ष शपथ ग्रहण के समय दूध का 600 लीटर उत्पादन हुआ करता था, जो कि आज बढ़ कर 1788 ली. पर आ चुका है। जिसमें 588 ली. नगर क्षेत्र में एटीएम वाहन से वितरित हो रहा है। 300 ली. चिन्यालीसौड़, 500 ली. आईटीबीपी, 400 ली0 नवोदय विद्यालय पुरोला में वितरित हो रहा है।
डीपीएमसी मशीन, जिसकी उत्तराखंड सरकार 100 मशीनों की मांग की गई थी, उसमे से अभी 35 ही मिली है जिसका बहुत ही शानदार रिजल्ट व उत्तम क्वालिटी का प्रोडक्ट आँचल दुग्ध संघ द्वारा मिल रहा है। दुग्ध संघ समिति के सचिवों के मानदेय हेतु प्रस्ताव रखा गया है, जिसमे इसे 6,000 रुपए प्रतिमाह किया जाए। जिससे बेरोजगार युवा दुग्ध पालन के प्रति आकर्षित होंगे। गंगा गाय महिला डेयरी के लिए सरकार से माँग की है, इस योजना को समिति तक नही बल्कि जनसाधारण के लिए भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। राज्य सरकार से प्रबन्धकीय अनुदान मिलता था, जिसे कांग्रेस सरकार ने बन्द कर दिया था, इसके बावजूद इस एक साल के अंतर्गत दुग्ध संघ ने अपने ही संसाधनों से खुद की मेहनत और कार्यकुशलता से इसमें किसी प्रकार की गिरावट नही आने दी। दुग्ध संघ द्वारा जिससे डेयरी को नुकसान न हो व कर्मचारियों को उनका मानदेय का लोड खुद दुग्ध संघ उठा रहा है व इसकी भरपाई दुग्ध संघ अपने स्तर से कर रहा है। तथा सरकार से मांग है कि इसे पुनः शुरू किया जाए।
इसके आलावा जानकारी दी गई कि, दुग्ध उत्पादों की क़्वालिटी में बहुत ही अच्छा सुधार किया गया है। मिल्क बूथ का स्थानीय बेरोजगारों के लिए कमीशन के आधार पर अर्थात प्रोडक्ट में स्थानीय बेरोजगारों को उनको कार्य के आधार पर आर्थिकी छूट, जिसमे वो जितनी अधिक मात्रा में प्रोडक्ट को मार्केट में बेचेंगे, उसमे उन्हें छूट दी जाएगी जिससे उन्हें रोजगार मिल सकेगा व साथ ही दुग्ध संघ को भी सहायता तथा लाभ पहुँचेगा। इस तरह की योजना बना रहे हैं। वहीँ सरकार से मांग की है, कि जैसे दूसरे राज्य के बाहर से गाय लायी जा रही है, जिससे कि दूसरे राज्य को इसमे फायदा होता आ रहा है, इसके लिए यदि लोकल गाय, जो कि गाँव-गाँव मे अच्छी नश्ल की गाय हो उन्हें उपलब्ध करवाई जाए तो इससे फायदा अपने ही लोगो का होगा। खाली जमीनों के लिए सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत द्वारा खाली पड़ी जगह जहां पर एक खाली हॉल है, उसका उपयोग कर वहां यात्री विश्राम व इको हुर्ट्स के लिए योजना बनाई गई है। और पिछले वर्ष जिला योजना का पैसा मिलता था तो उसमें कटौती हुआ करती थी, जो कि 21 लाख 37 हजार मिला करता था, लेकिन दुग्ध संघ अध्यक्ष के प्रयासों से अब वह बढ़कर 33 लाख 70 हजार हो चुका है। जिसका लाभ पशु आहार, पशुओं पर चिकित्सकीय देख-रेख, पशु औषधियों, बीएमसी यूनिट व अन्य में लाभ मिलेगा।