पिथौरागढ़/उत्तरकाशी। उपनल कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल का असर सीमांत जनपद पिथौरागढ़ व उत्तरकाशी में भी देखने को मिला। पिथौरागढ़ जिले के 12 सौ उपनल कर्मचारी दो दिन के कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं। उपनल कर्मियों का कहना है कि उन्हें समान कार्य के अनुरूप समान वेतन दिया जाए। साथ ही भविष्य की सुरक्षा की भी उपनल कर्मियों ने मांग की है। भारी संख्या में उपनल कर्मियों के कार्य बहिष्कार करने के कारण कई विभागों में कार्य प्रभावित होने लगा है। इस दौरान सभी हड़ताली उपनल कर्मचारी जिलाधिकारी कार्यालय में धरने पर बैठे और उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उपनल कर्मचारियों ने शांतिपूर्वक ढंग से मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन को उग्र रूप देने की चेतावनी भी दी है।
वहीँ उत्तरकाशी में भी समान कार्य समान वेतन सहित दो सूत्रीय मांगो को लेकर आंदोलित विभिन्न् विभागों के कार्यरत उपनल कर्मचारी सोमवार को कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे। जहां सभी कर्मचारियों ने अपनी मांगो के लिए सरकार के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगो के निस्तरण की मांग की। कर्मचारियों के कार्यबहिष्कार के कारण सबसे अधिक परेशानी वन्यजीव पुरोला, उद्यान विभाग, आईटीआई तथा राजकीय महाविद्यालयों व स्वास्थ्य विभाग को उठानी पड़ी।
सोमवार को तय कार्यक्रमानुसार जिले के बड़कोट, पुरोला, मोरी,डुंडा, चिन्यालीसौड़ तथा भटवाड़ी ब्लॉक के विभिन्न् विभागों में कार्यकरत उपनल कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड के प्रदेश महासचिव संदीप भोटिया की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट परिसर में एकत्रित हुए। जहां कर्मचारियों ने कहा कि वह राजकीय विभागों, निकायों, जल संस्थान, जिला पंचायत, विकास प्राधिकरण अथवा केन्द्र पोषित योजनाओं में अपनी निष्ठा एवं लग्न से सेवायें दे रहे है। जिसमें कर्मचारी वेतन वृद्धि अथवा न्यूनतम वेतन 21,000 व कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए नियमावली बनाये जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांगो को लेकर लगातार अनदेखी कर रही है जिस पर कर्मचारियों ने नाराजगी व्यक्त की ओर प्रदेश व केन्द्र सरकार के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की।