नई दिल्ली: चारधाम यात्रा शुरू होने में कुछ ही दिन बाकि हैं, लेकिन यात्रा के दौरान हेली सेवाओं को लेकर उठापटक लगातार जारी है। टेंडर की शर्तों में आये दिन हो रहे बदलावों को लेकर हेली ऑपरेटर कई बार अपना विरोध भी दर्ज कर चुके हैं। इसी क्रम में मंगलवार को दिल्ली में हेली ऑपरेटरों की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पवन हंस को छोड़ बाकि अन्य सभी ऑपरेटरों ने हिस्सा लिया।
जानकारी के अनुसार बैठक के बाद हेली ऑपरेटरों ने युकाडा को संयुक्त रूप से एक ई-मेल किया। जिसमे उन्होंने टेंडर से पहले 5 अप्रैल को युकाडा से बैठक की मांग की है। इसके साथ ही ऑपरेटरों ने मांग की है कि टेंडर की शर्तों में प्रत्येक संघ में 3 ऑपरेटरों की अनिवार्यता की जगह 4 ऑपरेटरों को शामिल किया जाये, जिससे अधिक से अधिक से ऑपरेटरों को मौका मिले। इसके आलावा एक अन्य शर्त जिसमे केदारधाम में 3 साल का अनुभव अनिवार्य किया गया है, उसे भी 2 साल करने की मांग की गई है।
इसके आलावा ऑपरेटरों की आपत्ती है कि, टेंडर में एक शर्त ये रखी गई है कि, उत्तराखंड में ऑपरेटर का पिछले 2 साल से कोई भी हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त ना हुआ हो। इस पर उन्होंने इस दायरे को उत्तराखंड से बढाकर पूरे देश भर को करने की मांग की है, क्योंकि माना जा रहा कि किसी ऑपरेटर विशेष के हेलीकाप्टर उत्तराखंड से बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं और उस कंपनी को लाभ पहुँचाने के लिए ही ये दायरा सिमित किया गया है, ताकि वो उसकी जद में ना आ पाए।
वहीँ सूत्रों की माने तो कई शर्तों से नाराज और उनकी मांगों को नहीं मानने की दशा में हेली ऑपरेटर टेंडर में भाग लेने से भी मना कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो सरकार के सामने यात्रा के लिए हेली सेवाओं को उपलब्ध करना मुश्किल हो जायेगा। ऐसे में जहाँ एक ओर यात्रिओं को चारधाम के लिए हेली सेवाएं नहीं मिलेंगी, वहीं दूसरी ओर ये सरकार की साख पर बन आएगी। इसके साथ ही कई यात्रिओं को यात्रा से भी महरूम होना पड़ेगा और जिसका असर सरकार के राजस्व के साथ ही स्थानीय लोगों के रोजगार पर भी पड़ेगा।