बागेश्वर: जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) की उपेक्षा के चलते गरुड़ ब्लॉक के तिलसारी-गागरीगोल मोटर मार्ग की स्थिति बद से बत्तर हो गई है। करीब छ करोड़ की लागत से बन रही इस सड़क के डामरीकरण का इन्तजार पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों को है। यहां सड़क की बदहाली के चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बागेश्वर मुख्यालय से 50 किमी दूरी पर स्थित गरुड़ ब्लाक के तिलसारी गांव में 10 साल पहले सड़क का निर्माण शुरू हो चुका था, लेकिन आज तक इस सड़क का कार्य पूरा नही हो सका है।
यहाँ आज तक इस सड़क का ना ही डामरीकरण हो पाया और ना ही नालियां बनी। निर्माण के शुरू होने के बाद से ही इस सड़क का सफर खतरनाक बना हुआ है। हालांकि खतरे का सफर तय कर छोटे वाहन तिलसारी पहुँचते है, लेकिन बरसात में यह सड़क और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है, जिससे बरसात में 4 महीने तिलसारी मोटर मार्ग पर गाड़ियों के पहिये थम जाते हैं। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं इस सड़क की दुर्दसा के चलते तिलसारी, नरगवाड़ी, थापल, और चनौली गांव के लोगों को भी 108 आपातकाल सेवा से भी वंचित होना पड़ता है। जिससे कई बार मरीज को अपनी जान तक गंवानी पड़ी जाती है।
साथ ही सड़क की बदहाली के चलते आज भी क्षेत्रवासियों को 17 किलोमीटर पैदल चल कर रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए गरुड़ बाजार जाना पड़ता है। ऐसे में समझा जा सकता है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के प्रति कितनी संवेदनशील है।
वहीं इस मामले पर जिम्मेदार अधिकारी डामरीकरण के लिए सम्बंधित ठेकेदार को नोटिस देकर अतिशीघ्र काम शुरू करने की बात कह रहे हैं। लेकिन इतने सालों से इस मामले पर क्यों कोई कार्यवाही नही की गई, ये एक बाद सवाल है। ऐसे में अब देखना होगा कि, अधिकारियों के आश्वासन के बाद कब तक ग्रामीणों की इस समस्या से निजात मिल पाती है। या इस बार भी यह बस आश्वासन ही बन के रह जायेगा।