चंपावत : चंपावत के अपर जिलाधिकारी (एडीएम) हेमंत कुमार वर्मा के इस्तीफा देने की चर्चा ने शनिवार को प्रशासनिक महकमे में हलचल मचा दी। सरकारी कार को नाजरात में जमा करने के बाद एडीएम निजी वाहन से कलक्ट्रेट से निकल गए।
इसके बाद से उनका मोबाइल फोन बंद चल रहा है। कहा जा रहा है कि चंपावत में हुए दो दिनी सतत विकास कार्यक्रम को लेकर कुछ संस्थाओं की ओर से दबाव डाले जाने से वह आहत और घोर मानसिक परेशानी में थे। इस वजह से उन्होंने कलक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से इस्तीफे की चिट्ठी जिलाधिकारी को भेजी है।
हालांकि जिलाधिकारी डॉ. अहमद इकबाल ने कहा है कि उनको एडीएम के इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं है। देहरादून में इस बारे में पूछे जाने पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी एडीएम के इस्तीफे की जानकारी होने से इनकार किया है।
मानसिक तनाव को इस्तीफे की वजह बताया जा रहा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एडीएम हेमंत कुमार वर्मा ने शनिवार दोपहर बाद अपने पद से इस्तीफा देने की बात लिखते हुए डीएम को पत्र भेजा। शनिवार को बारहमासी सड़क को लेकर मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेसिंग में भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया। प्रशासन और डायस फाउंडेशन के इंटरनेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (आईएसएसडी) के सतत विकास कार्यक्रम के दौरान कुछ संस्थाओं की ओर से दबाव डालने और इससे हो रहे मानसिक तनाव को इस्तीफे की वजह बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी को संबोधित तीन पेज के इस इस्तीफे को कलक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी भगवत पांडेय को सौंपा गया। इस पत्र से कलक्ट्रेट कर्मियों में हड़कंप मच गया। कई वरिष्ठ कलक्ट्रेट कर्मियों ने एडीएम वर्मा को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन वे नहीं माने। हेमंत कुमार वर्मा चंपावत में अक्तूबर 2016 से अपर जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं।
वहीँ इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एडीएम ने जिलाधिकारी या मुख्य सचिव से इस्तीफे की कोई बात नहीं की गयी। सीएम रावत ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जाँच की जा रही है। एडीएम से भी इस्तीफा देने का कारण पूछा जायेगा।