पिथौरागढ़: अभी गर्मी की शुरुवात भी नहीं हुई। लेकिन पिथौरागढ़ जिले की जनता पीने के पानी के लिए बून्द-बून्द को तरसने लगी हैं।आपको बता दें की इस साल बारिश कम होने की वजह से गर्मियों में पानी की किल्लत हो सकती है। वहीं जिला मुख्यालय में पानी को लेकर विभिन्न संगठनों के लोग आए दिन धरना प्रदर्शन करते रहते हैं। फिर चाहे वह ग्रामीण हो या फिर पार्टी के लोग। कभी पानी न आने से परेशान तो फिर कभी दूषित पानी को लेकर। बावजूद इसके प्रशासन इतना कुछ सुनने के बाद भी नही जाग रहा। जिसका खामियाजा जिले की भोली-भाली जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। वहीं जिले के कुछ हिस्सों में तो सिर्फ बरसात के समय ही पानी आता हैं । बांकी के दिनों में लोग दूर दराज से पानी भर कर जीवन यापन करते हैं। जिले में इस समय करोड़ों रुपयों की पेयजल योजनाओं का कार्य प्रगति पर हैं। जिसमे सबसे बड़ी योजना घाट पम्पिंग योजना, ठुलीगाड़ पेयजल योजना, और इनमें सबसे बड़ी योजना आंवला घाट योजना जिसका कार्य प्रगति पर हैं। इतनी बड़ी योजनाओं होने के बाद भी जिले में पानी की किल्लत का कारण जिला प्रशासन व पेयजल विभाग की लापरवाई हैं। क्योंकि जनता के शिकायत के बाद भी विभाग नही जागा। आपको बता दें पिथौरागढ़ जिले मे इस समय छोटी ग्रेटिविटी की 145 योजना निर्माणाधीन हैं। जिसमें 23 योजना पूर्ण हो गयी हैं। और प्रस्तावित योजनाओं की संख्या 53 हैं।
गौरतलब हैं की गर्मियों में खराब पानी की वजह से पीलिया जैसे रोगों की बीमारी बढ़ सकती है पर पिथौरागढ़ के ठुलीगाड़ पम्प से जिला मुख्यालय में सप्लाई होने वाला पानी इन दिनों दूषित हो गया। जिस पानी को पीने के लिए लोग डरने लगे हैं। वहीं अपर जिलाधिकारी का कहना हैं कि पम्प में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।