मसूरी: पहाडों की रानी मसूरी में पेयजल का संकट लगातार गहराता जा रहा है। शहर में लंबे समय से पानी की समस्या बनी हुई है, लेकिन इस दिशा में शासन स्तर पर कोई ठोस पहल नही होने से शहर में आगामी पर्यटन सीजन में पेयजल का संकट और बढ सकता है।
शहर में पानी की मांग और आपूर्ति में बहुत अंतर है। शहर की 45 हजार की आबादी को प्रतिदिन दो समय भी पानी नही मिल रहा है। शहर के अधिकांश जगह मात्र एक समय ही लोगों को पानी मिल पा रहा है। गौरतलब है कि शहर की पानी की सप्लाई के लिए 20 प्राकृतिक जल स्रोत हैं, जिसमें पंपिग लाइन के स्रोत भी शामिल है। 3 बङे स्टोरेज पानी के हैं जिनसे पर्यटन सीजन में शहर की जलापूर्ति करने का प्रयास किया जाता है। शहर में पानी की मांग प्रतिदिन करीब 14.5 एमएलडी है, लेकिन जल संस्थान मात्र 7 एमएल़डी पानी की आपूर्ति ही कर रहा है। शहर में करीब 350 से अधिक छोटे बडे होटल और गेस्ट हाउस हैं, लेकिन पर्यटन सीजन में पानी की कमी के चलते होटल और गेस्ट हाउस संचालक टैंकरो से पानी की सप्लाई करते है। शहर में 25 लाख से अधिक पर्यटक हर साल घुमने आते हैं, लेकिन पर्यटकों को भी पर्यटन सीजन में पर्याप्त पानी नही मिल पाता है। शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए योजना बनाने की घोषणा तो बहुत हुई है, बावजूद इसके आज तक किसी भी योजना पर कार्य नही हुआ है। वहीँ पर्यटन व्यवसाय से जुङे लोगो का कहना है कि बर्फबारी नही होने से पानी की समस्या और बढ सकती है।