रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा शुरू होने में अब कम ही समय बचा है। लेकिन पैदल मार्ग पर पेयजल का संकट अभी भी बना हुआ है। शासन से बजट की स्वीकृत न मिलने के कारण यह कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है।
गौरतलब है कि 29 अप्रैल से बाबा केदारनाथ की यात्रा शुरु होने जा रही है। गौरीकुण्ड से केदारपुरी तक 17 किमी पैदल मार्ग पर पेयजल व घोडे-खच्चरों को पानी मुहैया करवाना उत्तराखण्ड जल संस्थान का जिम्मा रहता है। इसके साथ ही जिले में केदारनाथ, बद्रीनाथ व गंगोत्री, यमुनोत्री आने-जाने के सडक मार्ग भी पडते हैं। ऐसे में यात्रा मार्ग पर सिरोबगड से लेकर गौरीकुण्ड, बद्रीनाथ मार्ग पर नगरासू व गंगोत्री यमुनोत्री मार्ग पर चिरबिटिया तक सुचारु पेयजल उपलब्ध कराना भी जल संस्थान का ही जिम्मा रहता है। इसके लिए संस्थान ने करीब 1 करोड 40 लाख रुपये की मांग शासन को भेजी है। जिसमें केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग के लिए 49 लाख रुपये व अन्य मार्गों के लिए 68 लाख रुपये का प्रावधान रखा है। जिससे यात्रा मार्गों पर पेयजल लाइनों का पुर्नगठन, स्टैण्ड पोस्ट, घोडे-खच्चरों के पानी पीने की चरियों व पेयजल टंकियों का निर्माण और सुधारीकरण होना है। लेकिन अभी तक शासन से बजट स्वीकृत होकर संस्थान को नहीं मिल पाया है। जबकि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग उच्च हिमालयी क्षेत्रों से होकर गुजरती है, ऐसे में यहां व्यवस्थाओं के संचालन के लिए तैयारियां पूर्व में ही करनी होती हैं और इसके लिए समय पर बजट का मिलना आवश्यक है। अब ऐसे में समय पर बजट न मिल पाने से समय पर व्यवस्थाएं बनाना विभाग के लिए टेडी खीर साबित होगी। वहीँ विगत वर्ष की बात करें तो संस्थान ने 72 लाख रुपये की मांग शासन से की थी, लेकिन महज 44 लाख रुपये ही संस्थान को मिल पाये थे।