देहरादून: वर्तमान में उत्तराखण्ड व जनपद देहरादून में सामान्य जनता के साथ लगातार फोन कॉल के माध्यम से हो रहे ऑन लाईन ठगी की आ रही शिकायतों के मध्यनजर पुलिस इन अपराधो के अनावरण व गिरोह की धरपकड व इन अपराधों की रोकथाम किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
18 जुलाई को शिकायतकर्ता विशाल शुक्ला पुत्र विजय कुमार निवासी 755-जे इन्दिरानगर, बसंत विहार, देहरादून द्वारा थाना बसंत विहार पर लिखित तहरीर दी गयी कि, एशियन स्कूल के निकट आर्य शॉपिंग कॉम्पलेक्स में उनकी माता के नाम पर पूर्व में एक दुकान पंजीकृत थी, जिसे वर्ष 2011 में इनके द्वारा विक्रय कर दिया गया था, उक्त सम्पत्ति के फर्जी प्रपत्र तैयार कर विपक्षी अरूण सिंह पुत्र जसपाल सिंह निवासी अज्ञात के द्वारा अलग-अलग बैंको में अनेक खाते खोलकर भारी धनराशि का लेन-देन किये गये है। शिकायतकर्ता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर विपक्षी अरूण सिंह के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना आरम्भ की गई व अनेक बैंक खातों में भारी धनराशि का लेन-देन होने पर थानाध्यक्ष बसंत विहार व एसओजी प्रभारी देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से टीम बनायी गयी। एसओजी देहरादून द्वारा पूर्व से ही ऐसे अपराधों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जा रही थी, संयुक्त टीम द्वारा अभियुक्त अरूण सिंह की तलाश व बरामदगी हेतु सुरागरसी पतारसी व सम्बन्धित बैंको से जानकारी प्राप्त करने पर पाया कि अभियुक्त अरूण सिंह द्वारा रियल सर्विस नाम की कम्पनी खोली गयी है, जिसके आधार पर विभिन्न बैंको में खाते खोलकर उन खातो में काफी अधिक मात्रा में नियमित रूप से रकम का लेन-देन हो रहा है, टीम द्वारा अरूण सिंह की गिरफ्तारी के क्रम में देहरादून, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद व दिल्ली में दबिश दी गई तो 20 जुलाई को स्थान रियल हाईट चौक राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद उप्र से अरूण सिंह को गिरफ्तार किया गया। अरूण सिंह द्वारा पूछताछ पर बताया गया कि अंकित, दीपक तिवारी व सिद्धान्त चौधरी व हिमांशु मोगा द्वारा ऑनलाईन कॉल सेंटरो से विभिन्न ग्राहको को फोन कर उनसे ठगी कर मेरे द्वारा खुलवाये गये बैंक खातो में धनराशि मंगायी जाती थी, जिनको मेरे द्वारा खातो से निकालकर अंकित के बताये अनुसार दीपक तिवारी, रोहित, सिद्धान्त व अन्य खाताधारकों के खातो मे अपनी हिस्से का 10 प्रतिशत लेकर जमा करा देता था व जिन खातो की जॉच पडताल ग्राहको द्वारा बैंक को फ्रॉड के सम्बन्ध में दी जाती थी। उन खातो में जितनी धनराशि मौजूद रहती थी उनको वही छोडकर दूसरे खाते खुलवा लिये जाते थे। अंकित अपना 10 प्रतिशत हिस्सा निकालकर यह धनराशि दीपक तिवारी व सिद्धान्त व अन्य को दे दिया करता था। अभियुक्त अरूण द्वारा बताया गया कि आज भी मै अंकित व अन्य अभियुक्तों को धनराशि देने यहॉ गाजियाबाद आया था।
अभियुक्त अरूण सिंह को संयुक्त टीम द्वारा गिरफ्तार कर अन्य अभियुक्तों की एक गिरफ्तारी हेतु राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद में दबिश दी गयी तो टीम द्वारा राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद से अंकित, सिद्धान्त चौधरी, हिमान्शु मोगा व रोहित को दीपक तिवारी के वाहन के साथ गिरफ्तार किया गया व उक्त वाहन में कस्टमरों को विभिन्न मोबाईल फोनो से कॉल करने वाले 13 अन्य मोबाईल फोन बरामद हुए। अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा ग्राहको को कॉल कर इंश्योरेंस पॉलिसी के बोनस का लालच दिया जाता है, जिस पर उनको एक खाता नम्बर दिया जाता है, जहॉ से वह खाता नम्बर पर पैसा डालते है जिनको आपस में हम अपने प्रतिशत के हिसाब से बांट लेते है, यदि किसी बैंक द्वारा उक्त खाते के सम्बन्ध में जानकारी की जाती है तो हम उस खाते की बची रकम को छोड देते है। अभियुक्तगणों को अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी आईपीसी के अन्तर्गत दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों से अन्य जानकारी की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्तों में अरूण सिंह पुत्र जयपाल सिंह निवासी ग्राम कमड, रूद्रप्रयाग, हाल निवासी निकट दुर्गा डेयरी रायपुर, देहरादून, उम्र 32 वर्ष, अंकित कुमार पुत्र सत्यवीर निवासी B-109 हाई एण्ड पैराडाईज सोसायटी राजनगर विस्तार गाजियाबाद, उप्र, उम्र 29 वर्ष, सिद्धान्त चौधरी पुत्र विरेन्द्र कुमार निवासी 544 स्ट्रीट न0 02 सरस्वती कालोनी साहिबाबाद, गाजिबाद, उ0प्र0, उम्र 29 वर्ष, हिमान्शु मोगा पुत्र विरेन्द्र सिंह निवासी ग्राम सुठैडी पोस्ट खतौली, मुजफ्फरनगर, उप्र, उम्र 27 वर्ष, रोहित पुत्र सलेखचंद निवासी यूएस 53 स्ट्रीट न0 – 02 उत्तरी विद्यालय ब्लॉक मण्डावली, फासलपुर पूर्वी दिल्ली, उम्र 27 वर्ष, शामिल हैं। वहीँ एक अन्य अभियुक्त फरार चल रहा है, जो दीपक तिवारी, दिल्ली निवासी है।
अभियुक्तों से बड़ी संख्या में विभिन बैंकों के एटीएम कार्ड, चैक बुक, मोबाइल फ़ोन, इकरारनामा विलेख, बैंक रसीदें, नगद राशी, महिन्द्रा TUV गाड़ी बरामद की गई है।
अपराध करने का तरीका
अभियुक्तगणों द्वारा इंटरनेट के माध्यम से किसी भी राज्य की मोबाईल सब्सक्राईबर कम्पनी की लिस्ट प्राप्त कर फर्जी मोबाईल नम्बरों से लगातार लिस्ट में मौजूद मोबाईल नम्बरों से कॉल कर उन पर इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा ग्राहको को भारी धनराशि का बोनस दिये जाने का प्रलोभन दिया जाता था व इस भारी धनराशि को प्राप्त करने हेतु सर्विस चार्ज के रूप में कुछ रकम दिये हुये बैंक खातो पर भेजने हेतु कहा जाता था व जैसे ही ग्राहको द्वारा बैंक खातो में धनराशि भेजी जाती थी, उसके तत्काल उपरान्त ही उक्त धनराशि का आहरण अभियुक्तगणों द्वारा कर लिया जाता था। यदि किसी ग्राहक द्वारा बैंक को खाता नम्बर देकर उसकी जानकारी प्राप्त की जाती थी तो अभियुक्तगण द्वारा उन खातो में बची शेष धनराशि को छोडकर नये खाते बना लिये जाते थे। अभियुक्तगण द्वारा अनेक राज्यों में इस प्रकार की ठगी कर भारी धनराशि का अर्जन किया जाता था, अभी तक पुलिस जाँच में उक्त खातो के अवलोकन से प्रारम्भिक रूप से अभियुक्तगण द्वारा करीब दो करोड रूपये के लगभग की धनराशि की धोखाधडी की गयी है।