बागपत: यूपी के बागपत में होमगार्ड जिला कमांडेंट कार्यालय में बिजीलेंस की टीम ने छापामार कर एक बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। छापेमारी के दौरान एक बाबू भागने में सफल रहा। दोनों ने दो कर्मचारियों को रुका वेतन बहाल कराने के लिए 15 हजार रुपये की घूस मांगी थी। टीम ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।
गांव चांदनहेडी निवासी अशोक कुमार ने बताया कि वह 1989 से कम्पनी कमांडर हैं और छपरौली के तैनात हैं। जनपद में कुल 7 कम्पनी हैं, उनकी कम्पनी छपरौली, नं. 05, के अंतर्गत 88 होमगाडर्स ड्यूटी करते हैं। उन्होंने मई माह में होमगाडर्स जयदेव को रमाला थाने से डीएम आॅफिस व राहुल को डीएम आॅफिस से रमाला थाने पर ड्यूटी के लिए चेंज किया था। इस पर जिला कमान्डेंट कार्यालय से कम्पनी कमांडेट अशोक कुमार, होमगाडर्स जयदेव व राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जवाब देने के बाद भी उनकी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई और तीनों का मई माह का वेतन रोक दिया गया था।
वेतन पास कराने की एवज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यवाहक बाबू प्रवीण ने 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। उन्होनें 6 सितम्बर को इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन मेरठ में की। 7 सितम्बर को नौ सदस्य टीम ने योजना के अनुसार मांगी गई रिश्वत की रकम 15 हजार रुपये के नोटो पर पाउडर लगाकर शुगर मिल स्थित जिला कमान्डेंट कार्यालय में बाबू के पास देने के लिए भेजा। प्रवीण ने रुपये लेकर बाबू अवनीश को दे दिये। इसके तुरंत बाद एंटी करप्शन टीम ने छापेमारी कर दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया। टीम को देख प्रवीण दीवार कूदकर फरार हो गया जबकि बाबू अनवीश को टीम ने रुपयों के साथ पकड़ लिया।
टीम आरोपी को कोतवाली लेकर पहुंची और पुलिस के हवाले कर दिया। वादी की शिकायत के आधर पर बाबू प्रवीण व अवनीश के खिलापफ मुकदमा दर्ज कराया। आरोपी को पकड़ने वाली टीम में पांच इंस्पेक्टर, 2 हैड कांस्टेबल, 2 कांस्टेबल शामिल थे। कम्पनी कमान्डेंट छपरौली अशोक कुमार ने बताया कि प्रत्येक होमगाडर्स से ड्यूटी बदलने के लिए हर माह बाबू एक हजार रुपये रिश्वत की मांग करते थे। रिश्वत न देने पर उनकी ड्यूटी अन्य स्थानों पर लगाकर उन्हें परेशान किया जाता था। इतना ही नहीं कम्पनी कमान्डेंट पर भी होमगाडर्स से रुपये लेकर देने का दबाव बनाते थे। मना करने पर उनका भी उत्पीड़न करते थे।