हरिद्वार। डीएम दीपक रावत के संमान कांड में एक नया मोड़ सामने आ गया है। मातृ सदन स्वामी आत्मबोधानंद ने यह आरोप लगाया कि आग बबूला हुए डीएम साहब ने उन पर लात घूसों की बारिश कर दी। वहीँ मातृ सदन जिलाधिकारी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराने की रणनीति बना रहा है।
गौरतलब है कि बीते रोज मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत को उनके सामाजिक कार्यो के लिए सम्मानित किया जा रहा था तो अचानक वहां बैठे स्वामी आत्मबोधानंद ने इसका विरोध किया और पर्चे उडाते हुए वो मंच की ओर बढे और डीएम साहब को गंगा द्रोही कहे दिया। जिसके बाद स्थिति बिगड़ता देख वह मौजूद पुलिस कर्मियों ने स्वामी आत्मबोधानंद को पकड़ जेल में बंद कर दिया।
घटना के बाद स्वामी के इंटरव्यू का वीडियो सामने आया तो डीएम के सम्मान कांड में अलग मोड़ आ गया। 1 मिनट 34 सेकंड के वीडियो में स्वामी द्वारा आरोप लगाया गया कि डीएम ने एक बंद कमरे में अपने गॉर्ड के साथ लात घूसों से जमकर मारपीट की।
मात्र सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने पत्रकार वार्ता करतें हुए कहा कि अात्मबोधानंद से मारपीट के मामले में वह आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज कराएँगे। उन्होंने कहा कि वह हरिद्वार डीएम दीपक रावत को पहले ही आयोग्य करार दें चुकें हैं । स्वामी शिवानंद ने आरोप लगाते हुए कहा कि आत्माबोधानंद से मारपीट के बाद डीएम ने अपनी आयोग्यता को स्वयं साबित कर दिया हैं। वहीँ स्वामी शिवानंद ने डीएम पर आत्मबोधानंद के साथ मारपीट का आरोप लगातें हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए। पत्रकारों से वार्ता के दौरान शिवानंद ने डीएम को हीरो नहीं विलेन बताया।
वहीं जबडी एम दीपक रावत से इस संबंध में बात करने के लिए फोन किया गया तो आदतन फोन नहीं उठाने वाले जीरो टाॅलरेंस की सरकार के डीएम ने फोन नहीं उठाया जबकि पीड़ित आत्माबोधानंद ने पूरी घटना को विस्तार पूर्वक मीडिया के समक्ष बयां किया।