नई दिल्ली: दिवाली से ठीक पहले सब्सिडी और गैर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 2.94 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गई। जबकि गैर सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत में 60 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पिछले कुछ माह से लगातार रसोई गैसों के दामों में इजाफा हो रहा है, जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिवाली से ठीक पहले रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का असर बाजार में मिठाई के दामों पर भी पड़ेगा। जिसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर ही पड़ता है।
सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में जून से यह छठी बार इजाफा किया गया है। तब से लेकर अब तक दाम 14.13 रुपये बढ़ गए हैं। एलपीजी उपभोक्ताओं को बाजार मूल्य पर रसोई गैस सिलेंडर खरीदना होता है। हालांकि, सरकार साल भर में 14.2 किलो वाले 12 सिलेंडरों पर सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में सब्सिडी डालती है। बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतें 60 रुपये बढ़कर अलग-अलग शहरों में अलग है। देराहदून की बात करें तो देहरादून में बगैर सब्सिडी वाला सिलेंडर अब 1000 रुपये के पार पहुंच गया है।
औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और विदेशी मुद्रा विनिमय दर के अनुरूप एलपीजी सिलिंडर के दाम तय होते हैं, जिसके आधार पर सब्सिडी राशि में हर महीने बदलाव होता है। जब अंतरराष्ट्रीय दरों में वृद्धि होती है तो सरकार अधिक सब्सिडी देती है, लेकिन कर नियमों के अनुसार रसोई गैस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर ही तय की जाती है। ऐसे में सरकार ईंधन की कीमत के एक हिस्से को तो सब्सिडी के तौर पर दे सकती है, लेकिन कर का भुगतान बाजार दर पर करना होता है। इसके चलते कीमतों में वृद्धि होती है।
आईओसी के बयान में कहा गया है कि वैश्विक कीमतों में वृद्धि और विदेशी मुद्रा विनिमय में उतार चढ़ाव से बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर 60 रुपये महंगा हो गया है, जबकि सब्सिडी वाले एलपीजी ग्राहकों पर जीएसटी के कारण केवल 2.94 रुपये का बोझ पड़ेगा। इस देखा जाए तो लगातार बढ़ते रसोई गैस के दाम लोगों को दिवाला निकाल रहे हैं। बिन सब्सिडी वाला सिलेंडर लोगों को महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है।