बागेश्वर: दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के आकस्मिक निधन पर जिला शोक की लहर में डूबा हुआ है। करीब तीन दशकों तक प्रदेश की राजनीति में सर्वोच्च स्थान पर रहे कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत भले ही अब हमारे बीच न रहे हों। बस उनसे जुडी हुई यादे रह गई।
बागेश्वर जनपद से भी उनकी कई यादें जुडी हुई है। चूँकि वो त्रिवेन्द्र रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर दो साल तक बागेश्वर जिले के प्रभारी मंत्री भी रहे। जिले की हर समीक्षा बैठक, जिला योजना की बैठक हो या उतरयाणी मेले पर्व, वो हमेशा जिले में मौजूद रहते थे। विकास की किरण उन्होंने जिले के अन्तिमछोर तक पहुँचाई थी। बागेश्वर जिले से उनका बड़ा लगाव रहा।
दिवंगत प्रकाश पंत उत्तराखंड की राजनीति में तब चर्चा में आए, जब वह वर्ष 2000 में राज्य बनने के बाद बनी अंतरिम सरकार में पहले विधानसभा अध्यक्ष बने। तब लोगों को उनकी कुशाग्र ब़द्धि और व्यवहार कुशलता का परिचय हुआ। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद वह लगातार 2002, 2007 में पिथौरागढ़ विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते। उनके कद को देखते हुए 2007 में खंडूड़ी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में फिर पिथौरागढ़ विधानसभा से बंपर वोट से जीते सूबे में भाजपा की त्रिवेन्द्र रावत सरकार में वो कैबिनेट मंत्री बने आबकारी ,वित्त पेयजल सहित 10 विभागों की जिम्मेदारी सम्हाल रहे थे। लेकिन वह अपने संघर्षो के लिए के उत्तराखण्ड की जनता के जहन में हमेशा याद किए जाते रहेंगे।