नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की पंचायत चुनाव में निर्विरोध जीती गई सीटों पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने दीदी यानि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने राज्य में हुए स्थानीय चुनाव परिणामों की खारिज करने से इनकार कर दिया। साथ ही करीब 20,000 सीटों के नतीजे अधिसूचित करने का आदेश पारित भी किया।
कोर्ट के इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल में पंचायत बोर्डों के गठन का रास्ता भी साफ हो गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध जीती गई सीटों के उम्मीदवारों को अपना विरोध जताने के लिए 30 दिनों का समय दिया है। इससे बीजेपी, कांग्रेस और वाम दलोें के उम्मीदवार अपनी शिकायत कोलकाता हाई कोर्ट से करा सकेंगे। भाजपा, कांग्रेस और वाम दलों ने निर्विरोध जीती गई सीटों के चुनाव परिणाम रद्द करने की मांग की है।
पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 58,692 सीटों में से 20076 सीटों पर टीएमसी उम्मीदवार निर्विरोध विजयी हुए। टीएमसी ने 48, 650 सीटों में से 16, 814 और पंचायत समिति की 9, 214 सीटों में से 3,059 सीटों को निर्विरोध जीता। निकाय चुनावों में टीएमसी की इस जीत के खिलाफ भाजपा और विपक्षी पार्टियों ने कोलकाता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि चुनावों में टीएमसी ने डर का वातावरण पैदा किया जिससे उसके चुनाव जीतने का रास्ता साफ हो गया। इसे राजनीतिक लिहाज से भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।