DGP का चालन करने वाले ‘अर्जुन’ सरकार व अधिकारियों से मायूस, माँगी स्वेच्छा सेवानिवृत्त

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देहरादून: समय-समय पर अधिकारीयों द्वारा निम्न कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें आती रहती हैं। सेना, अर्धसैनिक बल समेत पुलिस जवानों द्वारा कई बार इस तरह के आरोप लगाए जाते रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंस कर्मचारी ने स्वेच्छा सेवानिवृत्त मांगी है।

उत्तराखंड पुलिस के सिपाही अर्जुन सिंह रावत ने सेनानायक को एक पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने लिखा कि, वे पुलिस विभाग में सेवा देने के इच्छुक नहीं है और वे पुलिस विभाग की नौकरी से संतुष्ट नहीं है। इसका कारण बताते हुए उन्होंने लिखा है कि, पुलिस विभाग से सरकार का सौंतेला व्यवहार रहा है, साथ ही अधिकरियों का निम्न कर्मचारियों के साथ मिलनसार स्वाभाव और अपने कर्मचारियों के हित में ना होना है, जिससे निम्न कर्मचारियों में हीन भावना पैदा हुई है। जिससे उन्हें स्वेच्छा सेवानिवृत्त प्रदान करें।

बता दें कि, टिहरी निवासी अर्जुन 2009 बैच के उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए। वे रिज़र्व बटालियन में रहे और फिर कुछ वर्ष उपरांत CPU का हिस्सा बने। अर्जुन अदम्य साहस और कर्तव्यपरायणता के लिए जाने जाते रहे हैं। यहाँ तक कि अर्जुन ने उत्तराखंड पुलिस के DGP अनिल रतूड़ी का भी यातायात उलंघन पर बेबाकी से चालान कर दिया था। इसके आलावा अर्जुन ने सभी नोडल एजेंसियों को पत्र लिख यातायात प्रक्रिया पर सवाल भी उठाये, लेकिन उनकी उपेक्षा के चलते अर्जुन ने CPU छोड़ SDRF में नियुक्ति हेतु प्रार्थना की, जिसके बाद अर्जुन को ऋषिकेश में तैनाती मिली। वहां भी अर्जुन चाटुकारिता के चलते संतुष्ट नहीं हुए। जिससे आहत अर्जुन ने पुलिस विभाग छोड़ने के लिए प्रार्थना कर दी लेकिन कभी अपने ईमान, कर्तव्य और अधिकारों से समझौता नहीं किया।

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