देहरादून: बेंगलुरू में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में बुधवार को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा ‘डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड: इन्वेस्टर्स समिट’ के तहत रोड़ शो का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में कर्नाटक के उद्यमियों ने रूचि दिखाई। ‘डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड: इन्वेस्टर्स समिट’ 7 व 8 अक्टूबर को देहरादून में आयोजित की जाएगी। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर को करेंगे। इसी संदर्भ में कर्नाटक राज्य के उद्यमियों को उत्तराखण्ड में निवेश के लिए आकर्षित करने के उद्देश्य से देश की प्रमुख आईटी सिटी बेंगलुरू में उत्तराखण्ड के उद्योग विभाग द्वारा दो दिवसीय आयोजन किया गया। बुधवार के रोड़ शो में बड़ी संख्या में कर्नाटक के व्यवसाय जगत के लोगों ने भागीदारी की और उत्तराखण्ड में निवेश के प्रति उत्सुकता दिखाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों को उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनाओं और सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बनने के बाद उत्तराखण्ड में पहली बार इस तरह की ‘इन्वेस्टर्स समिट’का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में निवेश के लिए अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर वातावरण उपलब्ध है। उद्योगों के लिए पहली आवश्यक शर्त अच्छी कानून व्यवस्था का होना है। उत्तराखण्ड एक शांति प्रिय राज्य है। यहां की कानून व्यवस्था बेहतर है। राज्य में प्रशिक्षित श्रम उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में उत्तराखण्ड की अच्छी परफोरमेंस रही है। निवेश के लिए आवश्यक सभी औपचारिकताएं आसानी से पूरी की जा सकें, इसके लिए जिला व शासन स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम से ऑन लाईन क्लियरेंस की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की दिल्ली सहित देश के दूसरे भागों से अच्छी कनेक्टीवीटी है। इसमें और सुधार किया जा रहा है। हवाई सेवाओं में सुधार किया गया है। राज्य में निवेश के लिए 12 सेक्टरों पर फोकस किया गया है। जिनमें फूड प्रोसेसिंग, हॉर्टिकल्चर, हर्बल एवं ऐरोमेटिक, पर्यटन, वेलनेस व आयुष, फार्मास्यूटिकल, ऑटोमोबाइल, सेरीकल्चर व प्राकृतिक फाइबर, आई.टी., नवीनकरणीय ऊर्जा, बॉयोटेक्नालॉजी एवं फिल्म शूटिंग शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मौजूद निवेश के सम्भावनाओं का लाभ उठाने व उत्तराखण्ड के लोगों के लिए इन सम्भवनाओं को रोजगार के अवसरों में बदलने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। ‘‘हम राज्य में निवेशकों के लिए दोस्ताना और व्यवसाय के लिए सहज बनाते हुए निवेश का केंद्र बनाना चाहते हैं।’’ वहीं मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, एमडी सिडकुल सौजन्या, आईटीडीए के निदेशक अमित सिन्हा ने भी उद्यमियों को सम्बोधित कर राज्य में निवेश के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उद्यमियों को जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड में स्टार्टअप नीति बनाई जा चुकी है। राज्य में एमएसएमई नीति, वृहत उद्योग व निवेश नीति, सूचना व संचार प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रोनिक्स नीति लागू है। उत्तराखण्ड में भारत के सिलीकन वैली के लिए व्यापक अवसर उपलब्ध हैं जिनमें इलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण क्लस्टर, इन्क्यूबेशन सेंटर व ग्रामीण बीपीओ की स्थापना शामिल हैं।