देहरादून: उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का आगाज कर दिया गया है। यात्री उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in से ई पास बुक करवा सकते है। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमन रविनाथन ने बताया कि थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। मंदिर में मूर्तियों को छूना, प्रसाद वितरण पर रोक है तथा घंटियों को पहले ही कपड़ो से ढका गया है। देवस्थानम बोर्ड के यात्रा मार्गो पर यात्री विश्राम गृहों को यात्रियों के आवासीय प्रयोजन हेतु खोला जा चुका है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये।
देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि ब्यवस्थाओं हेतु जिला प्रशासनों से भी समन्वय स्थापित है। 11 जून से 1 जुलाई तक 1419 तीर्थ यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। जिसमें 943 बद्रीनाथ, 135 केदारनाथ, 341गंगोत्री पहुंचे हैं। पोर्टल प्रभारी संजय चमोली के अनुसार ई- पास के लिए श्रद्धालुओं द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा है। आज ई पास हेतु आवेदनों की संख्या भी बढी है।
यह यात्रा केवल उत्तराखंड के लोगों के लिए ही है। अभी बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अलावा बाहरी राज्यों से आने वाले उत्तराखंड निवासी अगर यात्रा के लिए आ रहे हैं तो उन्हें क्वारंटाइन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही चारधाम की यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
वहीं श्री बद्रीनाथ धाम के शीतकालीन ग्राम पांडुकेश्वर की महिलाओं ने जिलाधिकारी चमोली के सामने यात्रा का विरोध किया तथा कोविद के दौरान यात्रा का सुचारु रहना स्थानीय क्षेत्र के लिए खतरा बताया गया। साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने भी कोविद में यात्रा सुचारु रहना गलत बताया और यात्रियों को दर्शन की अनुमति नहीं देने की बात की है और नहीं ही पूजन कराया जाएगा।
देखें यात्रा को लेकर क्या कुछ कहना है तीर्थ पुरोहितों का।