देहरादून: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू शनिवार को देहरादून के हरिद्वार रोड स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आयोजित दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुंचे। स अवसर पर एमबीए, बीटेक, बीबीए, एलएलबी एवं बीएड के स्नातकों को 8 गोल्ड मेडल औऱ 8 सिल्वर मेडल प्रदान किये गए। इसके साथ ही विभिन्न पाठ्यक्रमों के कुल लगभग 249 स्नातकों को उपाधि प्रदान की गई। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राओं को सम्बोधित किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सभी छात्र-छात्राएं नव-भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाएं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा को रोचक के साथ ही नए ज्ञान व तकनीक के अनुरूप बनाना होगा। हमारे विश्वविद्यालय विश्व के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में अपना स्थान नहीं बना सके हैं। इसे हमें एक बड़ी चुनौती के तौर पर लेना चाहिए। छात्रों को कुछ समय गांवों में बिताना चाहिए। उन्हें स्वच्छ भारत आदि राष्ट्रीय महत्व की योजनाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने उपाधि धारक छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आज दुनिया, सूचना तकनीकि के कारण ग्लोबल विजेल में सिमट रही है। छात्रों को यह ज्ञान होना चाहिए कि नवीन ज्ञान तक कैसे पहुंचा जाए, कैसे उसे जीवन में ग्रहण किया जाए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज छात्रों के समक्ष अनेक अवसर होने के साथ ही अनेक चुनौतियां भी हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारी युवा शक्ति है। उन्होंने युवाओं से बड़े सपने देखने व बडे़ लक्ष्य रखने के साथ ही कठिन परिश्रम करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार तक ही सीमित नहीं है बल्कि शिक्षा ज्ञान का विस्तार करती है। बालिकाओं को भी समान शिक्षा के अवसर मिलने चाहिए।
वहीं समारोह में मौजूद राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण, क्लास रूम में होता है और वही से राष्ट्र निर्माण भी होता है। हमारी शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों को विभिन्न सम-सामयिक चुनौतियों में सकारात्मक भूमिका निभानी होगी, जिससे यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी मजबूती से अपने पैरों पर खड़े हो सकें तथा दुनिया का सामना करें। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों को देश के शीर्षस्थ संस्थानों में जगह बनाने का प्रयास करना चाहिए। विश्वविद्यालय कैंपस में “मेक इन इंडिया “ पॉलिसी का प्रमोशन होना चाहिए।
इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह अवसर स्नातकों को अपनी दीक्षा व शिक्षा को पूर्णकर दीक्षांत के बाद जीवन के गंतव्य की ओर बढ़ने का है। ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती, यह केवल एक पड़ाव है, जहां आप अपनी शिक्षा पूरी करके जा रहे हैं। इसलिए आपके सामने समाज के लिए कुछ करने और योगदान देने की बड़ी अहम जिम्मेदारियां हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआईपी के वैज्ञानिकों ने पाइन नीडल्स से बायोफ्यूल तैयार करने की दिशा में सराहनीय कार्य किया है जो पिरूल कभी बरबादी का कारण था उसे ऊर्जा में बदला है। आपके जीवन में भी कभी समस्याएं आ सकती हैं। इन्ही परेशानियों के बीच से समाधान का रास्ता निकालना है। इकार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ.धनसिंह रावत, इक्फाई विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ.एम.रामचन्द्रन, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी श्री अनिल कुमार रतूड़ी, आयुक्त गढ़वाल श्री शैलेश बगोली सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।