नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पिनाकी चंद्र घोष (पीसी घोष) देश के पहले लोकपाल के तौर पर चुने गए हैं। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान किया जाएगा। जस्टिस पीसी घोष के अलावा इस लोकपाल में न्यायपालिका से हाईकोर्ट के 4 पूर्व न्यायधीश, चार आईएएस और आईपीएस व अन्य सेवाओं के रिटायर अधिकारी शामिल होंगे। 27 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस पीसी घोष वर्तमान में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य हैं। वे कोलकाता हाईकोर्ट के जज और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में शुक्रवार को दिल्ली में ये मीटिंग हुई थी।
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई और सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी इस कमिटी के सदस्य हैं। वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कमिटी की मीटिंग में खासतौर पर बुलाए गए थे। मोदी सरकार ने उन्हें लोकपाल बनने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने लोकपाल बनने से इंकार कर दिया था। उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के मामलों पर एक स्वतंत्र और मजबूत संस्था स्थापित करने के लिए साल 2013 में लोकपाल व लोकायुक्त विधेयक पास किया गया था। 16 जनवरी 2014 को यह विधेयक लागू हुआ था। हालांकि, केंद्र की मोदी सरकार पांच साल के कार्यकाल में लोकपाल की नियुक्ति नहीं कर पाई।